विपक्षी नेताओं के एप्पल और ईमेल हैक करने की चेतावनी के बाद सियासत गरमा गई है। एक ओर जहां राहुल गांधी ने एक कहानी सुनाकर पीएम मोदी पर तंज कसा है। वहीं, बीजेपी नेताओं ने विपक्ष के आरोप पर पलटवार किया है। साथ ही एप्पल फोन निर्माता कंपनी ने भी विपक्षी नेताओं के के मेल और फोन पर आये अलर्ट की सच्चाई बताई है। कंपनी ने कहा है कि यह थ्रेट नोटिफिकेशन या झूठी चेतावनी भी हो सकती है। बता दें कि टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा, शशि थरूर, राघव चड्डा आदि नेताओं ने दावा किया था कि उनके ईमेल और एप्पल पर हैक की चेतावनी आई थी।
विपक्ष के नेताओं के दावे के बाद जहां भारत सरकार ने इस मामले की जांच का आदेश दिया है।वहीं, एप्पल कंपनी ने एक छोटा सा बयान जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि हो सकता है कि कंपनी द्वारा कुछ झूठी भी चेतावनी है। साथ ही यह भी कहा है कि इस बारे में हम कोई जानकारी शेयर नहीं करेंगे। कंपनी ने कहा कि इसके बारे खुलासा नहीं करेंगे,क्योंकि इससे हैकर्स को बचने में मदद मिल सकती है।
वहीं, इस संबंध में केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि कुछ सांसदों और नेताओं ने एप्पल अलर्ट का मुद्दा उठाया है। इस बारे में साफ़ कर देना चाहता हूं कि सरकार इस मुद्दे को बहुत गंभीरता से ले रही है। उन्होंने कहा कि हम इस मामले की तह तक जाएंगे। इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं। जो लोग जिनकी आलोचना करने की आदत है। ये लोग देश की प्रगति से खुश नहीं है। उन्होंने कहा कि एप्पल ने 150 देशों में ये सूचना जारी की है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एप्पल के बारे में जानकारी नहीं है। उन्होंने केवल अनुमान के आधार पर यह सूचना भेजी है।
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