29 C
Mumbai
Friday, February 21, 2025
होमदेश दुनियामुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्त: केंद्रीय मंत्री ने कहा, राहुल गांधी का...

मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्त: केंद्रीय मंत्री ने कहा, राहुल गांधी का रोने वाले बच्चे की तरह बर्ताव!

सीईसी की नियुक्ति पर आलोचना को लेकर राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि वह रोने वाले बच्चों की तरह काम कर रहे हैं|

Google News Follow

Related

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, कांग्रेस ने अपने राजनीतिक हितों की पूर्ति के लिए अपनी सुविधानुसार संविधान का कई बार गला घोटा है। कांग्रेस ने डॉ. बाबा साहब भीम राव अंबेडकर का उपहास करने और उनका अपमान करने का कोई मौका नहीं छोड़ा हैं| प्रधान ने यह भी कहा कि राहुल गांधी का यह नया तमाशा है, जो सीईसी की नियुक्ति पर विवाद पैदा करने और दुष्प्रचार का एक और प्रयास है।

बता दें कि ज्ञानेश कुमार को मुख्य चुनाव आयुक्त बनाए गए हैं। वो राजीव कुमार की जगह लेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह और राहुल गांधी की तीन सदस्यीय कमेटी ने यह फैसला लिया है। यह फैसला 2:1 के बहुमत से लिया गया। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति पर असहमति जताई।

धर्मेंद्र प्रधान ने उन्हें याद दिलाते हुए कहा कि क्या राहुल गांधी भूल गए हैं कि कांग्रेस के शासन के दौरान चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति कैसे की जाती थी? दशकों तक सत्ता में रहने के बावजूद कांग्रेस सरकार ने चयन तंत्र में सुधार के लिए कुछ क्यों नहीं किया?

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आगे कहा, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी बिना किसी नियम/कानून के उल्लंघन के रोते बच्चे की तरह बर्ताव कर रही है। वास्तव में, यह पहली बार है कि सीईसी की नियुक्ति संसद में पारित कानून के माध्यम से की गई है। यह हमारी सरकार है जिसने मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के लिए एक संयुक्त प्रणाली बनाई है, जिसमें विपक्ष के नेता भी शामिल हैं।

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने नए मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) की नियुक्ति के बाद मंगलवार को आरोप लगाया कि ऐसे समय में यह निर्णय आधी रात को लेना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के लिए अनुकूल नहीं है|

इसके साथ ही कांग्रेस की ओर से कहा गया कि जब चयन समिति की संरचना और प्रक्रिया को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई है और 48 घंटे से भी कम समय में सुनवाई होनी है। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि सरकार का यह कदम वर्ष 2023 में आए उच्चतम न्यायालय के आदेश की मूल भावना का घोर उल्लंघन है।

यह भी पढ़ें-

पश्चिम मध्य रेलवे: मध्य प्रदेश को मिलने जा रही एक और वंदे भारत! दो राज्यों को जोड़ेगी!

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

हमें फॉलो करें

98,176फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
230,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें