प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (3 जून )को असम में बाढ़ की गंभीर स्थिति को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा से फोन पर बातचीत की। इस दौरान पीएम मोदी ने राज्य में लगातार बारिश से बने संकट पर चिंता जताई और हर संभव केंद्रीय मदद का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री सरमा ने बातचीत की जानकारी साझा करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “कुछ समय पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझे असम में बाढ़ की मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी लेने के लिए फोन किया। मैंने उन्हें बताया कि किस तरह असम और आसपास के राज्यों में लगातार बारिश के कारण बाढ़ आई है और इससे कई लोगों की जान पर असर पड़ा है।”
सीएम ने आगे बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री को राहत कार्यों की प्रगति से भी अवगत कराया। उन्होंने लिखा, “मैंने उन्हें राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे राहत अभियान के बारे में भी बताया। प्रधानमंत्री ने चिंता व्यक्त की और हमारे राहत और पुनर्वास प्रयासों के लिए केंद्र सरकार की ओर से पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया। असम के लोग उनके मार्गदर्शन और अटूट समर्थन के लिए आभारी हैं।”
प्रधानमंत्री मोदी ने सिर्फ असम ही नहीं, बल्कि सिक्किम और मणिपुर के शीर्ष अधिकारियों से भी बात की। उन्होंने सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग और मणिपुर के राज्यपाल अजय भल्ला से भी बाढ़ की स्थिति पर जानकारी ली और केंद्र की ओर से हरसंभव सहायता का भरोसा दिलाया।
इससे पहले सोमवार को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जे.पी. नड्डा ने भी पूर्वोत्तर में बिगड़ते हालात पर चिंता जताई थी। उन्होंने एक्स पर लिखा, “पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ हिस्सों में लगातार हो रही भारी बारिश से प्रभावित लोगों के लिए बहुत चिंतित हूं। मैंने भाजपा की राज्य इकाइयों और कार्यकर्ताओं को जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार हर संभव सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया है। मैं प्रभावित क्षेत्रों में सभी से आग्रह करता हूं कि वे आवश्यक सावधानी बरतें, अनावश्यक यात्रा से बचें और स्थानीय अधिकारियों की सलाह का पालन करें।”
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 29 मई से लगातार हो रही भारी बारिश और उससे जुड़ी बाढ़ ने पूर्वोत्तर भारत में अब तक 34 लोगों की जान ले ली है। अकेले असम में 10 मौतें दर्ज हुईं हैं, जबकि अरुणाचल प्रदेश में 9, मेघालय और मिजोरम में 6-6, त्रिपुरा में 2 और नागालैंड में 1 व्यक्ति की मौत हुई है। अधिकारियों के अनुसार, मौतों के पीछे मुख्य वजह डूबना, भूस्खलन और जलभराव है। राज्य सरकारें और राहत एजेंसियां हालात पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं। केंद्र सरकार के सहयोग से राहत और पुनर्वास कार्य तेज़ी से जारी हैं।
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