कर्नाटक सरकार ने बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुए दर्दनाक भगदड़ के लिए रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया है। इस घटना में 11 लोगों की मौत हो गई थी। बुधवार (11 जून) को हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकार ने कोर्ट को बताया कि इस आयोजन के लिए कोई आधिकारिक अनुमति नहीं ली गई थी और आयोजकों ने सोशल मीडिया के जरिए “पूरी दुनिया को न्योता दे दिया” था।
यह बयान उस याचिका की सुनवाई के दौरान दिया गया जिसे आरसीबी के मार्केटिंग हेड निखिल सोसले समेत चार लोगों ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने के लिए दाखिल किया था। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति एस.आर. कृष्ण कुमार की एकल पीठ कर रही है।
राज्य के एडवोकेट जनरल शशि किरण शेट्टी ने कोर्ट में कहा कि आरसीबी ने बीसीसीआई के साथ मिलकर सुरक्षा, गेट और टिकट व्यवस्था की जिम्मेदारी ली थी, लेकिन सोशल मीडिया पोस्ट्स के जरिए बिना किसी स्पष्टीकरण के सभी फैंस को बुला लिया गया। “ऐसा लग रहा था जैसे इन्होंने पूरी दुनिया को बुला लिया हो,” उन्होंने कहा। उन्होंने बताया कि 33,000 की क्षमता वाले स्टेडियम में लगभग 3.5 से 4 लाख लोग इकट्ठा हो गए थे।
सरकार का कहना है कि न तो स्टेडियम कार्यक्रम के लिए कोई अनुमति ली गई थी और न ही परेड के लिए। एडवोकेट जनरल ने कहा, “ये लोग अनुमति नहीं मांग रहे थे, सिर्फ सूचना दे रहे थे। उन्होंने कहा कि हम परेड की योजना बनाएंगे, जैसे उन्होंने पहले ही तय कर लिया हो।” उन्होंने यह भी बताया कि 3 जून को, आरसीबी के फाइनल मैच से एक घंटे पहले सरकार को सिर्फ एक सूचना पत्र मिला था, जबकि नियम के अनुसार सात दिन पहले अनुमति लेनी अनिवार्य है।
सरकार ने यह भी कहा कि आरसीबी ने कोर्ट को गुमराह किया। “इन्होंने इसे सरकारी कार्यक्रम दिखाने की कोशिश की जबकि यह पूरी तरह निजी आयोजन था।” शेट्टी ने कहा। उन्होंने कोर्ट को बताया कि पूर्व में उल्लेख किए गए त्रिपक्षीय समझौते के विपरीत, असल में समझौता आरसीबी और बीसीसीआई के बीच था, जिसमें गेट कंट्रोल, टिकटिंग और सुरक्षा की जिम्मेदारी आरसीबी की थी।
उन्होंने यह भी बताया कि आयोजन में कोई बैरिकेड्स, साइनबोर्ड या भीड़ नियंत्रण की व्यवस्था नहीं थी। “आयोजकों ने कोई स्पष्ट योजना नहीं बनाई, कोई सरकारी मंजूरी नहीं ली और लाखों लोगों को एक ही जगह इकट्ठा कर दिया। इसी लापरवाही की वजह से मौतें हुईं,” शेट्टी ने कहा।
सरकार ने यह भी बताया कि घटना के बाद मजिस्ट्रेट और न्यायिक जांच के आदेश दिए गए और जांच को सीआईडी को सौंप दिया गया। कुछ पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया और नए कमिश्नर की तैनाती की गई। आरसीबी के मार्केटिंग हेड निखिल सोसले को लेकर सरकार ने दावा किया कि वह भागने की कोशिश कर रहे थे। “रात 10:56 बजे एयर टिकट बुक की गई और सुबह की फ्लाइट थी। वह फरार होने की कोशिश कर रहे थे, इसमें कोई संदेह नहीं है।” शेट्टी ने कहा।
सरकार ने यह तर्क दिया कि आरोपी सिर्फ प्रचार के लिए यह सब कर रहे थे और घटना के बाद उन्होंने भागने की कोशिश की, जिससे उनकी नीयत पर सवाल उठते हैं। राज्य सरकार का दावा है कि आयोजकों की लापरवाही के चलते 11 निर्दोष लोगों की जान गई और उन्हें इसके लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
यह भी पढ़ें:
रिपोर्ट: पीएम मोदी से मुलाकात से पहले मंत्रियों के लिए RT-PCR टेस्ट अनिवार्य!
पुरी जगन्नाथ मंदिर में देवस्नान पूर्णिमा का भव्य आयोजन, मुख्यमंत्री मोहन माझी हुए शामिल
एलन मस्क ने एपस्टीन फाइल से जुड़ा डोनाल्ड ट्रंप पर लिखा ट्वीट
