28.7 C
Mumbai
Friday, June 20, 2025
होमधर्म संस्कृतिपुरी जगन्नाथ मंदिर में देवस्नान पूर्णिमा का भव्य आयोजन, मुख्यमंत्री मोहन माझी...

पुरी जगन्नाथ मंदिर में देवस्नान पूर्णिमा का भव्य आयोजन, मुख्यमंत्री मोहन माझी हुए शामिल

देवस्नान पूर्णिमा का पर्व इसलिए खास है, क्योंकि साल में केवल एक बार, भगवानों को गर्भगृह से बाहर लाकर स्नान मंडप पर सार्वजनिक दर्शन के लिए लाया जाता है।

Google News Follow

Related

श्री जगन्नाथ मंदिर में बुधवार (11जून )को देवस्नान पूर्णिमा का पर्व श्रद्धा, भव्यता और परंपरा के साथ मनाया गया। हजारों भक्तों ने इस पवित्र दिन भगवान जगन्नाथ, बलभद्र, सुभद्रा और सुदर्शन के स्नान अनुष्ठान के साक्षी बनने के लिए मंदिर परिसर में उमड़ पड़े। इस मौके पर ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी भी मौजूद रहे, जिन्होंने विधायकों के साथ मिलकर पूजा-अर्चना की और भक्तों का अभिवादन किया।

सुबह 5:32 बजे मंगलार्पण के साथ देवस्नान पूर्णिमा का अनुष्ठान शुरू हुआ। इसके बाद भगवान सुदर्शन, बलभद्र, सुभद्रा और जगन्नाथ की पारंपरिक पहांडी यात्रा (रथ तक ले जाने की प्रक्रिया) क्रमशः संपन्न हुई। सबसे पहले सुबह 5:45 बजे भगवान सुदर्शन की पहांडी शुरू हुई, फिर 5:53 बजे भगवान बलभद्र की, इसके बाद 6:06 बजे देवी सुभद्रा की और अंत में सुबह 6:22 बजे भगवान जगन्नाथ की पहांडी यात्रा शुरू हुई।

इसके पश्चात 7:46 बजे जलाभिषेक अनुष्ठान शुरू हुआ, जिसमें 108 कलशों से पवित्र जल द्वारा देवताओं का स्नान कराया गया। यह जल मंदिर के स्वर्ण कुएं (सुनकुआ) से लाया गया था।

मुख्यमंत्री मोहन माझी के साथ पिपिली विधायक आश्रित पटनायक, सत्यबाड़ी विधायक उमा शंकर और ब्रह्मपुर विधायक उपासना महापात्रा भी अनुष्ठान में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने स्नान मंडप से पहांडी अनुष्ठान को देखा और उपस्थित श्रद्धालुओं का हाथ जोड़कर अभिनंदन किया। भीड़ ने उनके इस भाव का उत्साहपूर्वक स्वागत किया।

देवस्नान पूर्णिमा का पर्व इसलिए खास है, क्योंकि साल में केवल एक बार, भगवानों को गर्भगृह से बाहर लाकर स्नान मंडप पर सार्वजनिक दर्शन के लिए लाया जाता है। भक्त इतने निकट से भगवान के स्नान अनुष्ठान को देख सकें, यह दुर्लभ अवसर होता है। यही आयोजन आगे चलकर रथयात्रा की शुरुआत का प्रतीक भी माना जाता है।

मंदिर प्रशासन ने इस आयोजन के लिए कड़े सुरक्षा इंतजाम किए थे। पुलिस और स्वयंसेवकों की तैनाती की गई ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। आयोजनों के दौरान भक्तों ने भी मंदिर प्रशासन का सहयोग किया और पूरे वातावरण को आध्यात्मिक उल्लास से भर दिया। यह पर्व न केवल ओडिशा की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को जीवंत करता है, बल्कि देश-दुनिया के श्रद्धालुओं को जगन्नाथ संस्कृति की गहराई से जोड़ता है।

यह भी पढ़ें:

Mumbai: महानगर क्षेत्र में एकीकृत बस सेवा के लिए टास्क फोर्स का गठन

जौनपुर: ‘थप्पड़ कांड’ ओम प्रकाश राजभर की साजिश, महेंद्र राजभर का आरोप

पश्चिम बंगाल में महिला के साथ अमानवीय बर्ताव, राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया स्वत: संज्ञान

रिपोर्ट: पीएम मोदी से मुलाकात से पहले मंत्रियों के लिए RT-PCR टेस्ट अनिवार्य!

National Stock Exchange

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

हमें फॉलो करें

98,229फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
252,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें