सर्वे में संकेत मिले हैं कि जनसुराज पार्टी पहली बार कुछ क्षेत्रों में चुनावी समीकरण बिगाड़ सकती है। पूर्णिया और आस-पास के 24 सीटों पर मुस्लिम आबादी 46% और एससी 14% है। यहां जनसुराज का सीमित प्रभाव दिख रहा है, जबकि महागठबंधन को हल्का फायदा और एनडीए को कुछ सीटें बरकरार रहने की उम्मीद जताई गई है।
मगध की 26 सीटों में 2020 में महागठबंधन ने 20 जीती थीं, लेकिन इस बार सर्वे में नुकसान का अनुमान है। इसका सीधा फायदा एनडीए को मिल सकता है। जनसुराज यहां एक-दो सीटों पर असर डाल सकती है।
भोजपुर की 22 सीटों पर पिछली बार महागठबंधन का दबदबा रहा, लेकिन अब तस्वीर बदलती दिख रही है। यहां एनडीए को बढ़त मिल सकती है, जबकि जनसुराज का प्रभाव नगण्य बताया गया।
भागलपुर में मुस्लिम आबादी 45% और एससी 14% है। यहां जनसुराज पार्टी को संभावित बढ़त की उम्मीद जताई गई है। उम्मीदवारों का चयन यहां बेहद अहम साबित होगा।
सारण की 24 सीटों पर जनसुराज ने पकड़ बनाई है और कुछ सीटें जीतने की संभावना जताई गई है। वहीं, पटना की 21 सीटों पर जनसुराज को सबसे मजबूत स्थिति में देखा जा रहा है।
विश्लेषकों का मानना है कि अंतिम परिणाम उम्मीदवार चयन और प्रचार रणनीति पर निर्भर करेंगे। लेकिन यह साफ है कि जनसुराज इस बार समीकरण बदलने का काम कर सकती है।
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