Soros के बयान पर बवाल: भारत के लोकतांत्रिक ढांचे पर विदेशी हमला !

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और कांग्रेस ने भी साधा निशाना।

Soros के बयान पर बवाल: भारत के लोकतांत्रिक ढांचे पर विदेशी हमला !

अमेरिका के अरबपति निवेशक जॉर्ज सोरोस के भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दिए गए बयान के बाद बवाल मच गया है। वहीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर की गई टिप्पणी को लेकर पलटवार किया है। स्मृति ईरानी ने कहा कि विदेशी धरती से भारतीय लोकतांत्रिक ढांचे को हिलाने का प्रयास किया जा रहा है। जॉर्ज सोरोस ने भारत के लोकतंत्र में दखल देने की कोशिश की है और पीएम मोदी उनके निशाने पर हैं। वहीं भारत सरकार ने जॉर्ज सोरोस के बयान का पुरजोर विरोध करते हुए अपील की है कि हर भारतवासी इसका जवाब दे।

स्मृति ईरानी ने जॉर्ज सोरोस पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस व्यक्ति ने इंग्लैंड के बैंक को तोड़ दिया, एक व्यक्ति जिसे आर्थिक युद्ध अपराधी के रूप में में नामित किया गया है, उसने अब भारतीय लोकतंत्र को तोड़ने का ऐलान किया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, आज जॉर्ज सोरोस को हम एकसुर में यह जवाब दें कि लोकतांत्रिक परिस्थितियों में लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार और हमारे प्रधानमंत्री ऐसे गलत इरादों के सामने सिर नहीं झुकाएंगे। हमने विदेशी ताकतों को पहले भी हराया है, आगे भी हराएंगे।

जानिए क्या है पूरा मामला…

सोरोस ने 16 फरवरी 2023 को जर्मनी में म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन से पहले टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ म्यूनिख में एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। यहां उन्होंने भारत, पीएम मोदी और हालिया गौतम अडानी मुद्दे पर टिप्पणी की।बकौल सोरोस, भारतीय व्यवसायी गौतम अडानी के हालिया संकट से ‘भारत में लोकतांत्रिक पुनरुत्थान’ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘सवालों का जवाब देना’ होगा। सोरोस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर क्रोनी कैपिटलिज्म को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। दावा किया है उनके भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी से मधुर संबंध हैं। उसने कहा, मोदी और अडानी करीबी सहयोगी हैं। उनका भाग्य आपस में जुड़ा हुआ है।

उधर, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी इस मुद्दे पर जॉर्ज सोरोस को फटकार लगाई है। उन्होंने कहा, PM से जुड़ा अडानी घोटाला भारत में लोकतांत्रिक पुनरुत्थान शुरू करता है या नहीं, यह पूरी तरह कांग्रेस, विपक्ष व हमारी चुनाव प्रक्रिया पर निर्भर है. इसका जॉर्ज सोरोस से कोई लेना-देना नहीं है।

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