बिहार की राजनीति में वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर नई बहस छिड़ गई है। कांग्रेस नेता और AICC प्रवक्ता ज्योति कुमार सिंह ने आरोप लगाया है कि भाजपा ने एक सोची-समझी साजिश के तहत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से वक्फ बिल पर सहमति ली है, ताकि बिहार में महाराष्ट्र जैसी राजनीतिक स्थिति तैयार की जा सके।
ज्योति कुमार सिंह ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “भाजपा ने षड्यंत्र के तहत नीतीश कुमार से सहमति ली है। उनका मकसद बिहार में सत्ता का समीकरण बदलना है, जैसा उन्होंने महाराष्ट्र में किया।”
इस मुद्दे को लेकर जनता दल (यूनाइटेड) के भीतर भी विरोध की लहर दिखाई दे रही है। जदयू के अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश सचिव मोहम्मद नवाज मलिक सहित कई नेताओं ने विधेयक के समर्थन के विरोध में इस्तीफा दे दिया। इन नेताओं का कहना है कि पार्टी की धर्मनिरपेक्ष छवि को ठेस पहुंची है और नीतीश कुमार का यह निर्णय मुस्लिम समुदाय के हितों के खिलाफ है।
भाजपा की तरफ से, पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन ने वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन किया और इसे मुस्लिम समुदाय के अधिकारों की सुरक्षा का कदम बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा अल्पसंख्यकों की बेहतरी के लिए काम कर रही है, जबकि विपक्ष बेबुनियाद आरोप लगा रहा है।
वहीं कांग्रेस ने संसद में भी विधेयक पर सरकार की नीयत पर सवाल खड़े किए। सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने सदन को गुमराह किया और बिल को अल्पसंख्यक विरोधी बताते हुए लोकसभा में जोरदार विरोध दर्ज किया।
वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 को लेकर बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। विपक्ष का दावा है कि भाजपा इस विधेयक के जरिए न सिर्फ अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बना रही है, बल्कि गठबंधन दलों को भी कमजोर करने की साजिश रच रही है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आगामी विधानसभा चुनावों से पहले यह मुद्दा बिहार में NDA और विपक्षी गठबंधन के समीकरणों पर गहरा असर डाल सकता है।
यह भी पढ़ें:
पंजाब को नशे से बचाने पैदल निकल पड़े राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया!
बेगूसराय की पदयात्रा में युवाओं को सफेद टी-शर्ट पहनकर क्यों बुला रहे राहुल गांधी?
“नीतीश कुमार से वक्फ बिल पर सहमति लेने में भाजपा का षड्यंत्र!”



