वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज यानि शुक्रवार, 31 जनवरी को लोकसभा में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए वित्तीय ऑडिट रिपोर्ट पेश की। यह रिपोर्ट चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन का आकलन करती है। साथ ही देश के सामने आने वाली आर्थिक चुनौतियों को भी संसद में रेखांकित किया जाता है|
बजट पेश करने से पहले अर्थव्यवस्था की स्थिति की समीक्षा करने के लिए सरकार द्वारा आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट नामक एक वार्षिक दस्तावेज पेश किया जाता है। इस साल पेश की गई रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.3 से 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है|
आर्थिक समीक्षा मुख्य आर्थिक सलाहकार की देखरेख में वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग का आर्थिक प्रकोष्ठ तैयार करता है। पहली आर्थिक समीक्षा 1950-51 में पेश की गयी थी। उस समय यह बजट दस्तावेज का हिस्सा होती थी। इसे 1960 के दशक में केंद्रीय बजट से अलग कर दिया गया और बजट से एक दिन पहले पेश किया जाने लगा। वित्त मंत्री सीतारमण शनिवार को 2025-26 का केंद्रीय बजट पेश करेंगी।
मुख्य आर्थिक सलाहकार वी.अनंत नागेश्वरन के नेतृत्व वाली टीम की ओर से तैयार आर्थिक सर्वेक्षण, चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन का आधिकारिक आकलन प्रदान करता है। सरकार ने बजट सत्र के लिए वित्तीय कार्य के अलावा वक्फ (संशोधन) विधेयक सहित 16 विधेयक लिस्टेड किए गए हैं। बजट सत्र का पहला भाग 13 फरवरी को समाप्त होगा और उसके बाद बजट प्रस्तावों की जांच के लिए अवकाश होगा। सत्र 10 मार्च को फिर से शुरू होगा और 4 अप्रैल तक चलेगा। पूरे बजट सत्र में 27 बैठकें होंगी।
आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 को लोकसभा में पेश किया. इस सर्वेक्षण में FY26 के लिए भारत की GDP वृद्धि दर 6.3 प्रतिशत से 6.8 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान लगाया गया है। जीएसटी संग्रह में 11 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है, जो 10.62 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।
यह भी पढ़ें-
बजट सत्र : राष्ट्रपति ने अभिभाषण में दिया विकसित भारत का संदेश, महाकुंभ हादसे पर जताया दुख!