VIDEO | PM Modi explaining about Odisha's Konark wheel to US President Joe Biden as he arrived at Bharat Mandapam to attend the G20 Summit.
The Konark wheel was built during the 13th century under the reign of King Narasimhadeva-I. The wheel consists of eight wider spokes and… pic.twitter.com/NPw5yCgEuK
— Press Trust of India (@PTI_News) September 9, 2023
कोणार्क चक्र का निर्माण 13वीं शताब्दी में राजा नरसिम्हा देव प्रथम के शासनकाल के दौरान किया गया था। इस चक्र में 24 तीलियां हैं। यही वृत्त भारत के राष्ट्रीय ध्वज के मध्य में प्रमुखता से प्रदर्शित होता है। कोणार्क चक्र को लोकतंत्र के एक शक्तिशाली प्रतीक के रूप में देखा जाता है। कोणार्क चक्र को प्राचीन ज्ञान, आधुनिक संस्कृति और वास्तुकला का एक अद्भुत उदाहरण माना जाता है। इस चक्र को समय का प्रतीक भी कहा जाता है। इसके अलावा, यह दुनिया में निरंतर विकास और परिवर्तन का प्रतीक बन गया है।
विश्व धरोहर: ओडिशा के कोणार्क सूर्य मंदिर को 1984 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है। यह ओडिशा के पुरी से सिर्फ 35 किमी दूर है।
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