राजनीति में साफगोई परेशानी का सबब बन जाती है। विधानसभा में राज्य के अल्पसंख्यक मंत्री नवाब मलिक ने साफ कर दिया कि मुस्लिम आरक्षण नहीं मिल सकता। इससे कांग्रेस-एनसीपी के नेता परेशान हैं और निजी बातचीत में मलिक को कोस रहे हैं। इस बीच मुस्लिम आरक्षण को लेकर कांग्रेस के नेता सक्रिय हो गए हैं, जिससे मुस्लिम आरक्षण न मिलने का ठीकरा एनसीपी के सिर फोड़ा जा सके।
आरक्षण को लेकर चर्चा
शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस के कार्याध्यक्ष व पूर्व मंत्री नसीम खान ने पार्टी के सभी मंत्रियों, विधायकों व सांसदों को पत्र लिख कर मुस्लिम आरक्षण सहित अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए जरुरी कदम उठाने की मांग की। पूर्व मंत्री खान ने विधानभवन में कांग्रेस विधायक दल के नेता व राजस्व मंत्री बाला साहेब थोरात से मुलाकात कर मुस्लिम आरक्षण को लेकर चर्चा की। खान ने विधान भवन परिसर में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कांग्रेस-राकांपा ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में मुस्लिम आरक्षण का वादा किया है। हाईकोर्ट ने भी शिक्षा में मुस्लिम समाज को 5 फीसदी आरक्षण देने पर सहमति जताई थी। उन्होंने कहा कि मुस्लिम आरक्षण का मुद्दा अभी खत्म नहीं हुआ है। इसको लेकर मैंने पार्टी के सभी मंत्रियों, विधायकों व सांसदों को पत्र लिख कर इस मसले पर ध्यान दिलाया है।
इसके पहले गुरुवार को सपा के अबू आसिम आजमी ने विधानसभा में मुस्लिम आरक्षण का मसला उठाया था। इस दौरान अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मलिक ने कहा था कि आरक्षण पर 50 फीसदी की सीमा होने की वजह से मुस्लिम समाज को आरक्षण नहीं दिया जा सकता। आरक्षण के लिए केंद्र सरकार को 50 फीसदी की सीमा खत्म करनी होगी।