30 C
Mumbai
Sunday, November 24, 2024
होमदेश दुनियाईवीएम को लेकर फिर भड़की चिंगारी; एलन मस्क और पूर्व केंद्रीय मंत्री...

ईवीएम को लेकर फिर भड़की चिंगारी; एलन मस्क और पूर्व केंद्रीय मंत्री के बीच बहस!

Google News Follow

Related

भारत में सबसे बड़ी प्रतिक्रिया तब आई जब टेस्ला और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म साइट ‘एक्स’ के मालिक एलन मस्क ने ईवीएम पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया। जहां देश में ईवीएम को लेकर लगातार संशय का माहौल बना हुआ है, वहीं अब मस्क द्वारा पेश किए गए रुख से देश में एक बार फिर से ईवीएम के खिलाफ चिंगारी भड़क गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने फिर से ईवीएम पर सवाल उठाया है| उन्होंने महाराष्ट्र में सबसे विवादित बन चुके रवींद्र वायकर फैसले का मुद्दा उठाया है|

तभी लोकतंत्र एक दिखावा बन जाता है: आज (16 जून) सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में राहुल गांधी ने चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता पर भी सवाल उठाया। अपने पोस्ट में उन्होंने शिवसेना के शिंदे गुट के उम्मीदवार रवींद्र वायकर से जुड़ी एक खबर भी शेयर की| शिंदे पर आरोप है कि उन्होंने ईवीएम से छेड़छाड़ कर जीत हासिल की है|

राहुल गांधी ने ट्विटर पर लिखा,’ईवीएम भारत का ‘ब्लैक बॉक्स’ हैं। किसी को भी उनकी जांच करने की इजाजत नहीं है| हमारी चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता को लेकर गंभीर चिंताएँ हैं। “जब संस्थानों में जवाबदेही की कमी होती है, तो लोकतंत्र दिखावा बन जाता है और धोखाधड़ी की संभावना बढ़ जाती है।

रवींद्र वायकर पर लगे आरोपों से जुड़ी खबर शेयर: राहुल गांधी ने इस खबर को शेयर करते हुए एक पोस्ट लिखा है| मिड डे की इस रिपोर्ट के मुताबिक अब तक की जांच में वनराई पुलिस को रवींद्र वायकर के रिश्तेदार मंगेश पांडिलकर के खिलाफ कई सबूत मिले हैं| 

पुलिस को ईवीएम से छेड़छाड़ के सबूत मिले: पुलिस ने बताया कि इस मोबाइल फोन का इस्तेमाल ईवीएम मशीन को अनलॉक करने के लिए ओटीपी जेनरेट करने के लिए किया जाता था| इस तकनीक का इस्तेमाल 4 जून को यूनेस्को सेंटर में किया गया था| वनराई पुलिस ने आरोपी मंगेश पांडिलकर और दिनेश गुरव को सीआरपीसी 41ए नोटिस भी जारी किया था, जो चुनाव आयोग (ईसी) में एनकोर (पोल पोर्टल) संचालक थे। पुलिस ने अब मोबाइल फोन को फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) भेज दिया है ताकि मोबाइल फोन के डेटा की जांच की जा सके और फोन पर मौजूद उंगलियों के निशान भी लिए जा रहे हैं|

हमसे सीखें कि सुरक्षित ईवीएम कैसे बनाई जाती है: उधर, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के इस्तेमाल पर सवाल उठाए हैं और इनका इस्तेमाल न करने की सलाह दी है। मस्क के ईवीएम वाले पोस्ट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत में ईवीएम का इस्तेमाल पूरी तरह से सुरक्षित है| दुनिया के सबसे अमीर उद्योगपतियों में से एक मस्क ने कहा है कि ईवीएम को खत्म कर देना चाहिए| हालांकि मनुष्यों या एआई द्वारा हैक किए जाने का जोखिम छोटा है, वे कहते हैं कि यह बहुत अधिक है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने मास्क की पोस्ट पर कमेंट करते हुए लिखा, ”यह बहुत बड़ा कमेंट है| इसका मतलब है कि कोई भी सुरक्षित डिजिटल हार्डवेयर नहीं बना सकता है, जो कि गलत है। मस्क का दृष्टिकोण अमेरिका और अन्य जगहों पर लागू हो सकता है, जहां वह इंटरनेट से जुड़ी वोटिंग मशीनें बनाने के लिए नियमित कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हैं।

लेकिन भारतीय ईवीएम को विशेष रूप से डिजाइन किया गया है, सुरक्षित किया गया है और किसी भी नेटवर्क या मीडिया से अलग रखा गया है।  कोई कनेक्टिविटी नहीं, कोई ब्लूटूथ नहीं, कोई वाईफाई नहीं, कोई इंटरनेट नहीं। यानी कोई रास्ता नहीं है| फ़ैक्टरी द्वारा प्रोग्राम किए गए नियंत्रक जिन्हें दोबारा प्रोग्राम नहीं किया जा सकता। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को भारत की तरह डिजाइन और निर्मित किया जा सकता है।

यह भी पढ़ें-

अमरनाथ यात्रा: आतंकी हमलों पर केंद्रीय तंत्र एक्शन मोड; अमित शाह ने बुलाई उच्च स्तरीय बैठक​!

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

हमें फॉलो करें

98,296फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
195,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें