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Tuesday, April 29, 2025
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ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता से ही होगा विकास – यमुनानगर में बोले मोदी!

बिजली देश की उन्नति का आधार है और औद्योगिक विकास, एमएसएमई सेक्टर की तरक्की तथा विश्वस्तरीय उत्पादों के निर्माण के लिए देश को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना अनिवार्य है।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को हरियाणा के यमुनानगर में आयोजित एक कार्यक्रम में देश के औद्योगिक और ऊर्जा क्षेत्र के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि बिजली देश की उन्नति का आधार है और औद्योगिक विकास, एमएसएमई सेक्टर की तरक्की तथा विश्वस्तरीय उत्पादों के निर्माण के लिए देश को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना अनिवार्य है।
उन्होंने दीनबंधु चौधरी छोटूराम थर्मल पावर प्रोजेक्ट की तीसरी इकाई की शुरुआत करते हुए कहा कि इससे यमुनानगर को विशेष रूप से लाभ होगा, जहां प्लाईवुड, एल्युमिनियम, कॉपर और पीतल के बर्तनों का निर्माण बड़े पैमाने पर होता है। साथ ही पेट्रोकेमिकल सेक्टर में भी यह क्षेत्र अग्रणी है। बिजली की उपलब्धता बढ़ने से इन सभी उद्योगों को मजबूती मिलेगी और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारी सरकार चौतरफा प्रयास कर रही है ताकि देश में बिजली की कोई कमी न रहे और राष्ट्र निर्माण में ऊर्जा की कोई बाधा उत्पन्न न हो। इसके लिए कोयला आधारित पावर प्लांट, सौर ऊर्जा और न्यूक्लियर सेक्टर के विस्तार पर लगातार कार्य किया जा रहा है।

उन्होंने यमुनानगर को भारत के औद्योगिक नक्शे का एक अहम हिस्सा बताया और कहा कि यह क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देता है। उन्होंने कहा कि जब वह हरियाणा के प्रभारी थे, तब यमुनानगर में उनका आना-जाना लगा रहता था और यहां के कार्यकर्ताओं से उनके पुराने संबंध हैं।

उन्होंने कहा कि हरियाणा लगातार तीसरी बार डबल इंजन की सरकार देख रहा है और अब मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में इसे ‘ट्रिपल सरकार’ की संज्ञा दी जा रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित भारत के लिए विकसित हरियाणा हमारा संकल्प है और इसी संकल्प को सिद्ध करने के लिए हमारी सरकार तेज गति और बड़े पैमाने पर काम कर रही है। आज शुरू हुई विकास परियोजनाएं इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के औद्योगिक दृष्टिकोण को याद करते हुए कहा कि बाबा साहेब ने सामाजिक न्याय के लिए उद्योगों के विकास को एक प्रभावी मार्ग बताया था। उन्होंने देश में छोटी जोतों की समस्या को पहचाना और कहा था कि दलितों को सबसे अधिक लाभ उद्योगों से मिल सकता है।

उन्होंने देश के पहले उद्योग मंत्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी के साथ मिलकर औद्योगिकीकरण को बढ़ावा दिया था। दीनबंधु चौधरी छोटूराम और चौधरी चरण सिंह की सोच भी यही थी कि गांवों की समृद्धि कृषि के साथ-साथ लघु उद्योगों से ही संभव है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार “मेक इन इंडिया” और “आत्मनिर्भर भारत” के विजन के तहत मैन्युफैक्चरिंग को प्राथमिकता दे रही है। इसी वर्ष के बजट में हमने “मिशन मैन्युफैक्चरिंग” की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य दलित, पिछड़े, वंचित और शोषित युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार, प्रशिक्षण और व्यवसाय के अवसर देना है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में तकनीकी विकास का लाभ सभी को मिले और हमारे उत्पाद वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनें, इसके लिए ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता आवश्यक है। यमुनानगर में शुरू हुई थर्मल पावर की तीसरी इकाई इस दिशा में एक ठोस कदम है, जो न केवल स्थानीय उद्योगों को मजबूती देगा बल्कि राष्ट्रीय विकास में भी अहम योगदान देगा।
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