प्रत्यक्ष कर संग्रह 16% बढ़कर 25.86 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचा, सरकार की वित्तीय स्थिति मजबूत!

प्रत्यक्ष कर संग्रह 16% बढ़कर 25.86 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचा, सरकार की वित्तीय स्थिति मजबूत!

Direct tax collection increased by 16% to Rs 25.86 lakh crore, government's financial position is strong!

भारत में प्रत्यक्ष कर संग्रह चालू वित्त वर्ष 2024-25 में 16 मार्च तक 16.15% की वृद्धि के साथ 25.86 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। कर संग्रह में आए उछाल के पीछे बढ़ती आर्थिक गतिविधियां और कर अनुपालन में सुधार को प्रमुख कारण माना जा रहा है। जानकारी के अनुसार, रिफंड जारी करने के बाद, शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 13.13% बढ़कर 21.26 लाख करोड़ रुपये हो गया। इस वृद्धि में अग्रिम कर संग्रह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो 14.62% बढ़कर 10.44 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। पिछले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 9.11 लाख करोड़ रुपये था।

कॉरपोरेट टैक्स और पर्सनल इनकम टैक्स में उछाल:

कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन: 12.40 लाख करोड़ रुपये, जो पिछले वर्ष के 10.1 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। पर्सनल इनकम टैक्स कलेक्शन: 12.90 लाख करोड़ रुपये, जो पिछले वर्ष के 10.91 लाख करोड़ रुपये से 18% अधिक है।
प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी): 55% की भारी वृद्धि के साथ 53,095 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।

विशेषज्ञों का मानना है कि प्रत्यक्ष कर संग्रह में इस वृद्धि से सरकार की वित्तीय स्थिति मजबूत होगी, जिससे बुनियादी ढांचे, सामाजिक कल्याण और अन्य क्षेत्रों में सार्वजनिक खर्च को बढ़ावा मिलेगा। कम राजकोषीय घाटे से सरकार को उधारी में कमी लाने में मदद मिलेगी, जिससे बैंकों के पास अधिक पूंजी उपलब्ध होगी और निजी क्षेत्र के लिए उधार लेने की प्रक्रिया सुगम होगी। इससे आर्थिक विकास दर में वृद्धि होगी और अधिक रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे।

इसके अलावा, कर संग्रह में मजबूती से मुद्रास्फीति को नियंत्रित रखने और दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता बनाए रखने में भी सहायता मिलेगी।

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