संसद के बजट सत्र के तहत आज लोकसभा में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त विधेयक, 2025 को पेश करेंगी। यह विधेयक वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सरकार के वित्तीय प्रस्तावों को लागू करने के लिए लाया जाएगा। इसके साथ ही कई अन्य महत्वपूर्ण विधेयकों और रिपोर्टों पर चर्चा होगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त विधेयक, 2025 को लोकसभा में विचार और पारित करने के लिए पेश करेंगी। इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी वित्त मंत्रालय से जुड़ी अनुदान मांगों (2024-25) पर स्थायी समिति की पहली रिपोर्ट में शामिल सिफारिशों के क्रियान्वयन की स्थिति पर बयान देंगे।
पर्यटन मंत्री सुरेश गोपी भी 2023-24 की अनुदान मांगों पर समिति की 343वीं रिपोर्ट और परिवहन, पर्यटन व संस्कृति संबंधी स्थायी समिति की 364वीं रिपोर्ट में दिए गए सुझावों पर सरकार की कार्रवाई को लेकर सदन में जानकारी देंगे।कॉर्पोरेट मामलों के राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा अपने मंत्रालय से संबंधित रिपोर्ट पेश करेंगे। वहीं, अनुसूचित जाति और जनजाति के कल्याण से जुड़ी संसदीय समिति की रिपोर्ट भी लोकसभा में रखी जाएगी।
इसके अलावा, सदस्य पुरुषोत्तमभाई रूपाला और डॉ.मल्लू रवि देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने से जुड़ी रिपोर्ट सदन के पटल पर रखेंगे। कुल छह मंत्री अपने-अपने विभागों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर रिपोर्ट पेश करेंगे।
राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी तेल क्षेत्र (विनियमन और विकास) संशोधन विधेयक, 2024 पर चर्चा करेंगे। यह विधेयक पहले राज्यसभा से पारित हुआ था, लेकिन लोकसभा ने इसमें 12 मार्च को संशोधन किए थे, जिन पर अब राज्यसभा में विचार होगा।
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इसके अलावा, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 को राज्यसभा में पेश करेंगी। यह विधेयक भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934, बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 और भारतीय स्टेट बैंक अधिनियम, 1955 सहित अन्य संबंधित कानूनों में संशोधन से जुड़ा है। ऊर्जा मंत्री श्रीपद येसो नाइक बिजली क्षेत्र की परियोजनाओं में देरी से संबंधित संसदीय समिति की रिपोर्ट पर बयान देंगे। उनका बयान विद्युत कंपनियों द्वारा परियोजनाओं के निष्पादन में हो रही देरी पर केंद्रित रहेगा।
आज की संसदीय कार्यवाही में वित्त विधेयक 2025, बैंकिंग कानून संशोधन और तेल क्षेत्र से जुड़े महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा होगी। इन विधेयकों के पारित होने से देश की वित्तीय और बैंकिंग प्रणाली में कई अहम बदलाव हो सकते हैं।
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