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Friday, December 12, 2025
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“विदेश भेजे जा रहे प्रतिनिधिमंडल सरकार का फैसला है, पार्टी का नहीं”

सर्वदलीय सांसद प्रतिनिधिमंडलों पर शरद पवार ने प्रतिक्रिया

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पाकिस्तान में आतंकियों के ठिकानों पर भारतीय सेना द्वारा की गई कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर देश की स्थिति स्पष्ट करने के लिए सर्वदलीय सांसद प्रतिनिधिमंडलों को विभिन्न देशों में भेजने का फैसला किया है। इस पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के प्रमुख शरद पवार ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह किसी पार्टी का नहीं, बल्कि सरकार का निर्णय है।

सोमवार (19 मई) को दिए एक बयान में शरद पवार ने कहा, “यह पार्टी का फैसला नहीं है बल्कि सरकार का फैसला है। जब नरसिम्हा राव सत्ता में थे, तब अटल बिहारी वाजपेयी के मार्गदर्शन में महाराष्ट्र से एक प्रतिनिधिमंडल नियुक्त किया गया था। मैं भी उस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा था। जब अंतरराष्ट्रीय मुद्दों की बात आती है, तो किसी को भी पक्षपातपूर्ण रुख नहीं अपनाना चाहिए। आज सरकार ने एक प्रतिनिधिमंडल बनाया है, जो यह बताएगा कि भारत की भूमिका क्या है।”

सरकार के इस कदम के तहत विभिन्न दलों के सांसदों को शामिल करते हुए कुल चार प्रमुख प्रतिनिधिमंडल गठित किए गए हैं, जिनका लक्ष्य दुनिया को भारत की आतंकवाद के खिलाफ स्थिति और कार्रवाई की पारदर्शिता से जानकारी देना है।

प्रतिनिधिमंडल की प्रमुख रूपरेखा इस प्रकार है:

  • ग्रुप-7: सुप्रिया सुले (एनसीपी – शरद पवार गुट) के नेतृत्व में यह समूह मिस्र, कतर, इथियोपिया और दक्षिण अफ्रीका का दौरा करेगा। इसमें भाजपा के राजीव प्रताप रूडी, अनुराग ठाकुर, कांग्रेस के मनीष तिवारी, विक्रमजीत सिंह साहनी (आप), टीडीपी के लावु श्रीकृष्ण, कांग्रेस के आनंद शर्मा, राजदूत सैयद अकबरुद्दीन और वी. मुरलीधरन शामिल हैं।
  • ग्रुप-1: बैजयंत पांडा (भाजपा) के नेतृत्व में यह समूह सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन और अल्जीरिया की यात्रा करेगा। इस समूह में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे, रेखा शर्मा, AIMIM के असदुद्दीन ओवैसी, मनोनीत सांसद सतनाम सिंह संधू, वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और पूर्व राजनयिक हर्षवर्धन श्रृंगला शामिल हैं।
  • ग्रुप-2: रविशंकर प्रसाद (भाजपा) के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, यूरोपीय संघ, इटली और डेनमार्क जाएगा। सदस्यों में टीडीपी की दग्गुबाती पुरंदेश्वरी, शिवसेना (UBT) की प्रियंका चतुर्वेदी, कांग्रेस के अमर सिंह, मनोनीत सांसद गुलाम अली खटाना, भाजपा के समिक भट्टाचार्य, पूर्व मंत्री एम.जे. अकबर और पूर्व डिप्टी एनएसए पंकज सरन शामिल हैं।
  • ग्रुप-3: कांग्रेस नेता शशि थरूर के नेतृत्व में यह समूह अमेरिका, पनामा, गुयाना, ब्राजील और कोलंबिया का दौरा करेगा। साथ में एलजेपी (रामविलास) की शांभवी, जेएमएम के डॉ. सरफराज अहमद, टीडीपी के जी.एम. हरीश बालयोगी, भाजपा के शशांक मणि त्रिपाठी और भुवनेश्वर कलिता, शिवसेना के मिलिंद देवड़ा और पूर्व अमेरिकी राजदूत तरनजीत सिंह संधू तथा तेजस्वी सूर्या शामिल होंगे।

यह पहली बार है जब सरकार ने इस तरह के बहुदलीय संवाद के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी सैन्य कार्रवाई और सुरक्षा नीति का समर्थन जुटाने की पहल की है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद यह कूटनीतिक प्रयास भारत की बदलती विदेश नीति और आक्रामक वैश्विक स्थिति को दर्शाता है।

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