देश में आतंकवाद के मुद्दे पर बयानबाज़ी की सियासी लड़ाई और तीखी होती जा रही है। भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने शुक्रवार को विपक्षी दलों—विशेषकर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और इंडिया गठबंधन—पर जमकर हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि ये पार्टियां पाकिस्तान की भाषा बोल रही हैं और भारतीय सेना की शहादत पर सवाल खड़ा करके आतंकियों का मनोबल बढ़ा रही हैं।
मीडिया से बातचीत में वल्लभ ने कांग्रेस सांसद उम्मेदा राम बेनीवाल के उस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी जिसमें उन्होंने कहा था कि “पहलगाम में धर्म पूछकर मारे जाने” का कोई सबूत नहीं है। वल्लभ ने तीखा जवाब देते हुए कहा, “जब लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की पत्नी ने खुद कहा कि उनके पति कुरान की आयतें नहीं पढ़ पाए इसलिए मारे गए, तो इस पर सवाल उठाना सेना और देश दोनों का अपमान है। जो लोग आतंकियों की तरह सोचते हैं, वे उनके जैसे ही बोलते भी हैं।”
वल्लभ ने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि इन दलों के नेताओं की सोच राष्ट्रविरोधी है। “जो लोग सेना की बजाय पाकिस्तान मीडिया पर भरोसा करते हैं, उन्हें आत्मचिंतन की ज़रूरत है। जब भारतीय सेना 100 से ज़्यादा आतंकवादियों को खत्म कर देती है, तब भी ये नेता सवाल उठाते हैं। अजहर मसूद तक अपने बयान में कहता है कि उसका पूरा परिवार खत्म हो गया, फिर भी इन नेताओं को भरोसा नहीं होता।”
कर्नाटक के कांग्रेस विधायक कोथुर मंजुनाथ द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को ड्रामा कहे जाने पर भी वल्लभ ने तीखा पलटवार किया। उन्होंने कहा कि “ऐसे नेताओं की आंखें पाकिस्तान के चैनलों पर टिकी रहती हैं। ये देश का खाते हैं, लेकिन गाते पाकिस्तान का हैं।”
समाजवादी पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव द्वारा विंग कमांडर व्योमिका सिंह पर की गई टिप्पणी पर वल्लभ ने नाराजगी जताई और सपा पर जातिवादी राजनीति का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “भारतीय सेना की कोई जाति नहीं होती। सेना देश की रक्षा करती है, न कि किसी जाति की। लेकिन रामगोपाल यादव जैसे नेता जातिवाद की घटिया राजनीति करके देश की एकता को नुकसान पहुंचा रहे हैं।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस पहल पर बात करते हुए जिसमें सांसदों को दुनिया भर में भारत की आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई को प्रचारित करने भेजा जाएगा, वल्लभ ने कहा, “यह भारत की छवि को वैश्विक मंच पर सशक्त करने की दिशा में बड़ा कदम है। जब अलग-अलग दलों के प्रतिनिधि जाकर आतंक के खिलाफ भारत की उपलब्धियां बताएंगे, तब दुनिया को पाकिस्तान का असली चेहरा भी नजर आएगा। यह राष्ट्रहित में की गई दूरदर्शी रणनीति है।”
आतंकवाद, सुरक्षा और राजनीति के मुद्दे पर यह बयानबाज़ी चुनावी साल में और धार पकड़ेगी, लेकिन गौरव वल्लभ के शब्दों में आज एक स्पष्ट संदेश था—जो भारत की सेना पर सवाल उठाएगा, वह सीधे-सीधे पाकिस्तान की सोच का समर्थन कर रहा होगा।
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