भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए तुर्की की एविएशन कंपनी सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की सुरक्षा मंजूरी रद्द किए जाने के एक दिन बाद, कंपनी ने दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया है। कंपनी ने केंद्र सरकार के इस फैसले को अदालत में चुनौती दी है।
गुरुवार (15 मई) को नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) ने सेलेबी की सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी थी। आदेश में कहा गया कि यह कदम “राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में” उठाया गया है। सेलेबी भारत के नौ बड़े हवाई अड्डों पर ग्राउंड हैंडलिंग और कार्गो सेवाएं प्रदान करती है।
केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोळ ने कहा, “सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड एक तुर्की आधारित कंपनी है जो देश के कई हवाई अड्डों पर सेवाएं देती है। तुर्की ने खुले तौर पर पाकिस्तान का समर्थन किया है। मौजूदा हालात को देखते हुए यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा का बन गया है। इसी को ध्यान में रखते हुए कंपनी पर प्रतिबंध लगाया गया है।”
केंद्र सरकार के आदेश के बाद सेलेबी ने एक बयान जारी कर सफाई दी कि वह किसी भी तरह से तुर्की सरकार या किसी विदेशी सरकार से नहीं जुड़ी है। कंपनी ने कहा, “सेलेबी का भारत में कारोबार पूरी तरह भारतीय उद्यम है, जो भारतीय पेशेवरों द्वारा संचालित और प्रबंधित है। कंपनी भारत में निवेशित है और देश की प्रगति के लिए प्रतिबद्ध है। हम किसी भी मानक के अनुसार तुर्की संगठन नहीं हैं और हमारी कोई राजनीतिक संबद्धता नहीं है।”
कंपनी ने आगे कहा, “सेलेबी एविएशन एक वैश्विक कंपनी है जिसका 65 वर्षों से अधिक का इतिहास है। हम तीन महाद्वीपों और छह देशों में ग्राउंड हैंडलिंग और कार्गो सेवाएं प्रदान करते हैं।”
गौरतलब है कि भारत सरकार ने नवंबर 2022 में सेलेबी को सुरक्षा मंजूरी दी थी। कंपनी के अनुसार, वह भारत के नौ हवाई अड्डों पर हर साल लगभग 58,000 उड़ानों और 5.4 लाख टन कार्गो का संचालन करती है, जिनमें दिल्ली, बेंगलुरु और गोवा शामिल हैं।
बता दें की तुर्की ने हाल ही के भारत पाकिस्तान तनाव के दरम्यान पाकिस्तान को भारत के ख़िलाफ़ कम क़ीमत पर ड्रोन मुहैय्या कराए थे। जानकारी के तुर्की ने इन ड्रोन्स के संचालन के लिए कुछ ऑपरेटिव्स भी दिया
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