सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी के सम्मान में विदाई समारोह न आयोजित करने पर भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डी.वाई. चंद्रचूड़ के उत्तराधिकारी और वर्तमान मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई ने शुक्रवार (16मई)को सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) को सार्वजनिक रूप से नराजगी जताई। अपने वक्तव्य में CJI गवई ने बार एसोसिएशन के रवैये को अनुचित करार किया, कहा “मुझे इसे सार्वजनिक रूप से निंदित करना होगा… मैं स्पष्ट रूप से बोलने में विश्वास रखता हूं। एसोसिएशन को ऐसा रुख नहीं अपनाना चाहिए था।”
यह टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट की सेरेमोनियल बेंच की कार्यवाही के दौरान की गई, जिसमें खुद CJI गवई के साथ न्यायमूर्ति त्रिवेदी और न्यायमूर्ति ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह भी शामिल थे। हालांकि CJI ने यह भी कहा कि वह वरिष्ठ अधिवक्ता और SCBA अध्यक्ष कपिल सिब्बल तथा उपाध्यक्ष रचना श्रीवास्तव की उपस्थिति की सराहना करते हैं, जिन्होंने बार एसोसिएशन के निर्णय के बावजूद समारोह में शिरकत की।
गवई ने आगे कहा, “मैं कपिल सिब्बल और रचना श्रीवास्तव दोनों का आभारी हूं। लेकिन एसोसिएशन की जो सामूहिक स्थिति रही, वह सरासर अनुचित है। एक न्यायाधीश को विदाई सम्मान देना परंपरा रही है और यह निर्णय उस परंपरा के खिलाफ जाता है।”
इस मामले पर न्यायमूर्ति मसीह ने भी सहमति जताते हुए कहा, “परंपराएं निभाई जानी चाहिए और उनका सम्मान होना चाहिए। मैं दुखी हूं कि यह परंपरा इस बार टूटी।”
CJI गवई ने न्यायमूर्ति त्रिवेदी की न्यायिक यात्रा की भी सराहना की, जिसमें उन्होंने जिला न्यायपालिका से लेकर सर्वोच्च न्यायालय तक का सफर तय किया। उन्होंने कहा कि न्यायमूर्ति त्रिवेदी को उनकी निष्पक्षता, दृढ़ता, ईमानदारी और कड़ी मेहनत के लिए जाना जाएगा। उन्होंने जोड़ा,”वह एक सच्ची न्यायाधीश थीं और कोर्ट उनकी प्रतिबद्धता और न्यायप्रियता की पुष्टि करता है।”
SCBA सामान्यतः सुप्रीम कोर्ट के रिटायर हो रहे न्यायाधीशों के लिए विदाई समारोह आयोजित करता है, लेकिन सूत्रों के अनुसार बार एसोसिएशन सर्वोच्च न्यायालय की न्यायमूर्तियों के फैसलों और टिपण्णियों से खफा है, जो कथित रूप से एक पक्ष के वकीलों के खिलाफ होतें है।
इस संपूर्ण घटनाक्रम ने न केवल न्यायपालिका और बार के बीच की परंपरागत गरिमा पर सवाल खड़े किए हैं।
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