5 दिसंबर को राजस्थान में प्रवेश करने वाली भारत जोड़ो यात्रा के लिए जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं। इस गठित समिति की बैठक में बुधवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भाग लिया। वहीं कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बहिष्कार के कारण हुए राजनीतिक हंगामे के बाद गहलोत और पायलट पहली बार एक साथ दिखे। घटना के करीब दो महीने बाद दोनों एक ही जगह पर उपस्थित थे।
हालांकि, दोनों नेताओं के बीच कटुता साफ नजर आई। गहलोत और पायलट ने आपस में कोई बातचीत नहीं की। कांग्रेस वॉर रूम में हुई बैठक में समिति के 33 सदस्य शामिल थे। हालांकि, सभी की नजरें अशोक गहलोत और सचिन पायलट पर ही टिकी रहीं। गहलोत और पायलट की कुर्सी के बीच दूरी थी। पायलट जहां हरीश चौधरी के बगल में बैठे थे। वहीं, अशोक गहलोत के एक ओर जितेंद्र सिंह और दूसरी ओर प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा बैठे थे।
वहीं इस मीटिंग में अशोक गहलोत देरी से पहुंचे। तो वहीं सचिन पायलट मीटिंग खत्म होने से करीब आधा घंटे पहले ही निकल गए। जबकि पद से इस्तीफा देने वाली राज्य प्रभारी अजय माकन जो समन्वय समिति के सदस्य हैं, बैठक में शामिल नहीं हुए। बता दें कि माकन ने 8 नवंबर को ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को चिट्ठी भेजकर राजस्थान प्रभारी के पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि माकन का इस्तीफा अभी मंजूर नहीं हुआ है।
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