गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान गुरुवार को सम्पन्न हो गया। पहले चरण में 89 सीटों पर सात सौ अठासी उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम मशीन में बंद हो गई। बताया जस रहा है कि 5 बजे तक लगभग 60 प्रतिशत मत ही पड़ें। मालूम हो कि 2017 के चुनाव में 70 प्रतिशत से ज्यादा मतदान हुआ था। अब इस कम वोटिंग को लेकर राजनीतिक जानकार कई मायने निकाल रहे हैं।
गौरतलब है कि गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए सुबह आठ बजे से ही वोटिंग शुरू हो गई थी। यह वोटिंग शाम 5 बजे तक चली जिसमें लगभग 60 प्रतिशत मतदान होने काज आंकड़ा सामने आया है। छिटपुट घटनाओं को छोड़ दें तो मतदान शांतिपूर्वक हुआ। अब सवाल उठ रहे हैं कि कम मतदान के क्या मायने हो सकते हैं। कहा जा रहा है कि कम वोटिंग से सत्ता पक्ष को फ़ायदा हो सकता है।
कहा जा रहा है कि जब मतदाता सत्ता पक्ष के कामकाज से खुश होते हैं तो मतदान के लिए घर से नहीं निकलते हैं। जबकि, ज्यादा मतदान सत्ता परिवर्तन का संकेत देता है। हालांकि यह, लोगों का मत है। वैसे अभी पहले चरण का मतदान हुआ है। देखना होगा कि दूसरे चरण में मतदाता क्या वोट करने के लिए घर से निकलते हैं। बता दें कि दूसरे चरण का मतदान 5 दिसंबर को होगा जबकि नतीजा 8 दिसंबर को आएगा।
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