मोरबी ​हादसे​​ की न्यायिक जांच​ की ​​मांग  ​ममता बनर्जी ने की ​!​​

​मोरबी की घटना की जांच केंद्रीय जांच एजेंसियों जैसे केंद्रीय जांच विभाग और प्रवर्तन निदेशालय को क्यों नहीं सौंपी ​दी ​जाती है?

मोरबी ​हादसे​​ की न्यायिक जांच​ की ​​मांग  ​ममता बनर्जी ने की ​!​​

Mamata Banerjee demands judicial inquiry into Morbi accident!

​गुजरात में मोरबी पुल घटना को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ​​सवालिया निशान उठाते हुए ​भाजपा​​ पर निशाना साधा है​|​​ ​उन्होंने कहा कि ​मोरबी की घटना की जांच केंद्रीय जांच एजेंसियों जैसे केंद्रीय जांच विभाग और प्रवर्तन निदेशालय को क्यों नहीं सौंपी ​दी ​जाती है? वही,​​बनर्जी ने कहा​ कि राजनीति महत्वपूर्ण नहीं है, चुनाव महत्वपूर्ण नहीं हैं, लोगों का जीवन महत्वपूर्ण है।​

​बात दें कि ​मोरबी ब्रिज हादसे में अब तक 135 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें 34 बच्चे भी शामिल हैं। मा​च्छू​​ नदी पर बने पुल को करीब सात महीने पहले मरम्मत के लिए बंद कर दिया गया था। फिर 26 अक्टूबर को गुजराती नव वर्ष पर पर्यटकों के लिए पुल खोल दिया गया। यह पता चला है कि पुल को मोरबी नगर पालिका से ‘फिटनेस’ प्रमाण पत्र के बिना खोला गया था। इस पुल के रखरखाव और प्रबंधन का ठेका ‘ओरेवा’ ग्रुप को 15 साल की अवधि के लिए दिया गया था।

​घटना के दो दिन बाद भी इस इलाके में बचाव कार्य जारी है​|​​ इस बीच बनर्जी लगातार​ भाजपा शासित केंद्र सरकार पर ‘ईडी’ और ‘सीबीआई’ के जरिए पश्चिम बंगाल सरकार को कमजोर करने की कोशिश करने का आरोप ​भी ​लगा रही हैं​|​​ बनर्जी पहले ही स्पष्ट कर चुकी हैं कि वह नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 का विरोध करती हैं।

उन्होंने आरोप लगाया है कि भाजपा​​ ने गुजरात चुनाव के चलते इस मुद्दे को उठाया है|​ ​गृह मंत्रालय ने गुजरात के आणंद और मेहसाणा जिलों में रहने वाले अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को नागरिकता प्रमाण पत्र जारी किया है। इससे पश्चिम बंगाल में राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है।

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