गुजरात के अहमदाबाद में कांग्रेस का दो-दिवसीय अधिवेशन पार्टी के भविष्य की रणनीति तय करेगा| हालिया चुनावी हार के बाद कांग्रेस संगठनात्मक सुधारों और आगामी चुनावों के लिए एक नए राजनीतिक एजेंडे पर ध्यान केंद्रित करेगी| अधिवेशन में सामाजिक न्याय, रोजगार और आर्थिक नीतियां जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी, जिससे भाजपा को चुनौती देने के लिए एक मजबूत रणनीति तैयार की जा सके|
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को सियासी संजीवनी मिली थी, लेकिन 2024 में बने माहौल को हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली की हार ने फीका कर दिया है| कांग्रेस दोबारा से खड़े होने और भाजपा से मुकाबला करने के लिए सियासी मंथन करने जा रही है|
गुजरात के अहमदाबाद में कांग्रेस का दो दिवसीय अधिवेशन मंगलवार से शुरू हो रहा है| अगले दो दिन तक कांग्रेस के दिग्गज नेता राष्ट्रीय राजनीति की चुनौतियों पर चिंतन और मंथन करेंगे| इसके साथ ही कई प्रमुख मुद्दों पर पार्टी का रुख तय कर भविष्य का रोड मैप तैयार किया जाएगा|
कांग्रेस ने 64 साल बाद गुजरात को अपने अधिवेशन के लिए चुना है| इससे पहले कांग्रेस का अधिवेशन 1961 में भावनगर में हुआ था, अब छह दशक के बाद दोबारा फिर से गुजरात के अहमदाबाद से जीत का मंत्र तलाशने की कवायद की जाएगी|
अहमदाबाद पूर्ण अधिवेशन से पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी दोनों पार्टी की कमियों पर बहुत साफगोई से बात कर चुके हैं और कहा है कि साल 2025 संगठन का साल होगा| अहमदाबाद अधिवेशन कांग्रेस 86वां पूर्ण अधिवेशन है| पार्टी के लिए नया रास्ता खोलने वाला हो सकता है|
संकल्प, समर्पण, संघर्ष’ टैगलाइन के साथ दो दिन का कांग्रेस अधिवेशन शुरू हो रहा. अधिवेशन के पहले दिन मंगलवार को सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय स्मारक में कांग्रेस वर्किंग कमेटी यानी सीडब्ल्यूसी की बैठक होगी| इसमें देशभर के 262 कांग्रेसी नेता शिरकत करेंगे, जिसकी अध्यक्षता मल्लिकार्जुन खरगे करेंगे|
अधिवेशन के दूसरे दिन बुधवार साबरमती रिवरफ्रंट पर कांग्रेसी सीडब्ल्यूसी के सदस्यों के अलावा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष, कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री और कुछ वरिष्ठ नेता शामिल होंगे|
कांग्रेस के नेता निजी तौर पर भाजपा सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हर बात और हर काम का विरोध करने के बजाय जनता के साथ जुड़ने वाली लड़ाइयों को चुनने की जरूरत के बारे में बात कर रहे हैं| कांग्रेस अधिवेशन में भाजपा के खिलाफ कितनी मजबूती और किस नजरिए से लड़ना है, उसे लेकर भी स्पष्ट स्टैंड लिया जा सकता है|