देशभर में इस वक्त पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों को लेकर खूब चर्चा चल रही है। चुनाव आयोग द्वारा कार्यक्रम की घोषणा के बाद सभी पार्टियां इन राज्यों में चुनाव प्रचार के लिए कमर कस रही हैं| एक तरफ जहां ये घटनाक्रम जारी है तो वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्ष में बैठी समाजवादी पार्टी आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति कर रही है|दोनों पार्टियों के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि अखिलेश यादव सचमुच जेपीएनआईसी के परिसर से कूदकर उसमें घुस गए| इसके बाद उन्होंने राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार की भी कड़ी आलोचना की|
असल में क्या हुआ?: लखनऊ में जेपीएनआईसी यानी जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर के बाहर आज जोरदार हंगामा हुआ। जयप्रकाश नारायण की जयंती के मौके पर कुछ सपा नेता और कार्यकर्ता पहुंचे थे| उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी वहां थे| सपा नेता और कार्यकर्ता जयप्रकाश नारायण को श्रद्धांजलि देने के लिए केंद्र में जाने की कोशिश कर रहे थे|सुरक्षा कारणों से पुलिस ने प्रवेश की अनुमति नहीं दी।
इस केंद्र की स्थापना अखिलेश यादव के पिता स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव की पहल पर की गई है| पुलिस से अनुरोध करने के बावजूद उन्हें अंदर जाने की अनुमति नहीं मिलने पर आखिरकार अखिलेश यादव सीधे केंद्र के परिसर से कूदकर अंदर घुस गए। उनके पीछे कुछ अन्य सपा नेता व कार्यकर्ता भी परिसर से कूदकर अंदर घुस गये।
VIDEO | Samajwadi Party chief Akhilesh Yadav climbs a wall while trying to enter Jai Prakash Narayan International Center in Lucknow, Uttar Pradesh. The officials had reportedly denied permission to the party workers, citing the construction work at the centre. pic.twitter.com/lkKKz6XOjl
— Press Trust of India (@PTI_News) October 11, 2023
अखिलेश यादव का तंज: इस बीच, इस सब पर अखिलेश यादव ने सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा है| “यह देखकर दुख होता है कि उन्होंने मुझे रोकने के लिए यहां पुलिस तैनात की है। पुलिस अधिकारियों को भी नहीं पता कि इस संबंध में किससे पूछा जाये| लोगों को पता होना चाहिए कि वास्तव में मुझे कौन रोक रहा है।’ वे लोगों की आवाज दबा रहे हैं| आप जयप्रकाश नारायण के जीवन पर आधारित संग्रहालय को बंद कर रहे हैं| आप अपनी कौन सी नाकामी छुपाने की कोशिश कर रहे हैं? इस मौके पर अखिलेश यादव ने कहा, ”आप न केवल संग्रहालय, बल्कि यहां की इमारत भी बंद कर रहे हैं|”
जेपीएनआईसी का उद्घाटन 11 अक्टूबर 2016 को हुआ था जब अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे। 2017 में भाजपा सत्ता में आई। योगी आदित्यनाथ से जेपीएनआईसी भवन के निर्माण में हुए खर्च की समीक्षा करने का अनुरोध किया गया| इस प्रोजेक्ट के काम की निगरानी खुद अखिलेश यादव कर रहे थे| इसलिए कहा जा रहा है कि घोटाले का आरोप सीधे तौर पर अखिलेश यादव तक पहुंच रहा है|
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