Maharashtra: MVA सरकार में ‘अपनी अपनी डफली, अपना अपना राग

Maharashtra: MVA सरकार में ‘अपनी अपनी डफली, अपना अपना राग

file photo

मुंबई। महाराष्ट्र की तीन दलों वाली सरकार में समन्वय का अभाव सबसे बड़ी समस्या साबित हो रही। तीनो दलों के नेताओं के बीच कोई कॉर्डिनेशन नहीं और वे बस श्रेय हासिल करने की होड़ में जुटे रहते हैं। ताज़ा मामला विदेशों से भारत को मिली मदद में महाराष्ट्र को मिलने वाली हिस्सेदारी का है। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत जहां मोदी सरकार पर महाराष्ट्र को विदेशी मदद देने में भेदभाव का आरोप लगा रहे, वहीं राकांपा के वरिष्ठ नेता और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे उनके दावे को झुठला रहे हैं।

टोपे ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कोरोना से निपटने अमेरिका से भारत को मिले रेमडेसिविर इंजेक्शन में से 52 हजार इंजेक्शन महाराष्ट्र को मिले हैं। दूसरी और ‘आरोप सावंत’ के नाम से विख्यात कांग्रेस नेता सावंत कह रहे कि विदेशों से मिली मदद में महाराष्ट्र को हिस्सेदारी नहीं मिल रही। बार बार सामने आती है यह कमी महाराष्ट्र की तीन दलो की सरकार के बीच समन्वय का अभाव गाहे बगाहे दिखाई देता रहता है पर पिछले दिनों राज्य में लॉकडाउन को लेकर तीनों दलो के मंत्रियों के बीच जिस तरह होड़ लगी दिखाई दी उससे सरकार की किरकिरी हुई।

पिछले दिनों मंत्रिमंडल की बैठक के बाद राज्य में लॉक डाउन के एलान को लेकर मंत्री मनमानी बयानबाज़ी करते रहे। कांग्रेस नेता और राज्य के वस्त्रोद्योग मंत्री असलम शेख ने तो कुछ ही घंटों में लॉकडाउन लगाने का एलान कर दिया उससे मुंबई शहर में भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। लोग दुकानों पर खरीदारों के लिए उमड़ पड़े और प्रवासियों ने रेलवे स्टेशन की तरफ दौड़ लगा दी। इसके पहले मदद व पुनर्वसन मंत्री विजय वड्डेटिवर भी कैबिनेट मीटिंग के पहले राज्य में दूसरे लॉकडाउन का एलान कर दिया था तो दूसरी तरफ बैगर मंत्रिमंडल मंजूरी के राकांपा प्रवक्त व मंत्री नवाब मालिक द्वारा मुफ्त वैक्सीन की घोषणा पर कांग्रेस ने सार्वजनिक तौर पर नाराजगी जताई थी।

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