श्री जगन्नाथ जी की 148वीं रथयात्रा गुरुवार (26 जून) को भक्ति, परंपरा और उल्लास के साथ अहमदाबाद में प्रारंभ हुई। दरम्यान भगवान जगन्नाथ को ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया है, जिससे इस वर्ष का आयोजन और भी ऐतिहासिक बन गया है—जो यह सम्मान अब तक केवल ओडिशा के पुरी में देखा जाता था।
रथयात्रा की शुरुआत से पहले, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपने परिवार के साथ श्री जगन्नाथ मंदिर में आयोजित मंगला आरती में भाग लिया और भगवान के दर्शन कर विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की। इसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “रथयात्रा के पावन अवसर पर श्री जगन्नाथ मंदिर, अहमदाबाद की मंगला आरती में शामिल होना अपने आप में दिव्य और अलौकिक अनुभव होता है। महाप्रभु सभी पर अपना आशीर्वाद बनाए रखें।”
अमित शाह ने रथयात्रा को लेकर देशवासियों को शुभकामनाएं भी दीं। उन्होंने लिखा, “जय जगन्नाथ! सभी को श्री जगन्नाथ रथयात्रा के पावन उत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं। यह रथयात्रा भक्ति, संस्कृति और विरासत का संगम है। महाप्रभु जगन्नाथ, वीर बलभद्र और माता सुभद्रा से सभी के कल्याण व उन्नति की कामना करता हूं।”
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने रथयात्रा की विधिवत शुरुआत की। परंपरा अनुसार उन्होंने सोने की झाड़ू से रथ मार्ग की सफाई की — जिसे ‘पाहिंद विधि’ कहा जाता है। यह सेवा, समर्पण और विनम्रता का प्रतीक मानी जाती है। इसके बाद भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा का रथ मंदिर से रवाना हुआ और करीब 16 किलोमीटर की यात्रा पर निकला जो शाम तक पूरी होगी। रथयात्रा मार्ग पर भारी संख्या में श्रद्धालु उमड़े हैं।
सालभर भक्त भगवान के मंदिर पहुंचते हैं, लेकिन रथयात्रा का दिन विशेष होता है — जब स्वयं भगवान भक्तों के द्वार तक जाते हैं। इसे ‘नगरनाथ का नगरभ्रमण’ कहा जाता है। मंदिर परिसर और रथ मार्ग पर सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम हैं और पूरे क्षेत्र में उत्सव का माहौल है।
अहमदाबाद में पहली बार मिला ‘गार्ड ऑफ ऑनर’, रथयात्रा को और भी गौरवपूर्ण बना चूका है। यह आयोजन धार्मिक, सांस्कृतिक और भावनात्मक रूप से भी देश को जोड़ने वाला पर्व है। जय जगन्नाथ!
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