जापानी प्रधानमंत्री भारत यात्रा के दौरान देश में 5,000 अरब येन (42 अरब अमेरिकी डॉलर) के निवेश की घोषणा कर सकते हैं| एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि यह निवेश अगले 5 वर्षों में किया जाएगा| जापान के निक्केई अखबार ने बताया कि 5,000 अरब येन का निवेश, किशिदा के पूर्ववर्ती शिंजो आबे द्वारा 2014 में घोषित 3,500 अरब येन के निवेश और वित्त पोषण के अतिरिक्त होगा|
वहीं, रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के दौरान जापानी प्रधानमंत्री की यह यात्रा काफी अहम मानी जा रही है| इस दौरान जापानी पीएम द्वारा पीएम मोदी से युद्ध को लेकर बिगड़े हालातों पर चर्चा हो सकती है| यूक्रेन पर हमला करने के बाद जापान ने रूस पर कई प्रतिबंध लगा दिए थे|
पीएम का पदभार ग्रहण करने के बाद जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा पहली बार जापानी पीएम 19 मार्च की दोपहर भारत पहुंचे| और रविवार 20 मार्च की सुबह वापस अपने देश रवाना हो जाएंगे|दोनों प्रधानमन्त्रियों के बीच सायं 5.00 बजे दिल्ली के हैदराबाद हाउस में मुलाकात होनी है| बातचीत के बाद दोनों नेता जहां मीडिया कैमरों से रूबरू होंगे वहीं अनेक अहम समझौतों पर भी हस्ताक्षर क़ी तैयारी है|
इस दौरान वह 14 वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे| मिली जानकारी के अनुसार इस मौके पर जापान के पीएम और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच रूस यूक्रेन के बीच चल रही जंग पर भी बातचीत हो सकती है|
भारत और जापान के प्रधानमंत्रियों के बीच करीब साढ़े तीन साल बाद शिखर बैठक हो रही है| बता दे कि वर्ष 2022 भारत और जापान के बीच राजनयिक रिश्तों की 70वीं सालगिरह का भी वर्ष है| राजनयिक सूत्रों के मुताबिक मौजूदा अंतरराष्ट्रीय स्थितियों के मद्देनजर भारत और जापान अपनी रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने पर जोर दे रहे हैं|
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