झारखंड की चंपई सोरेन सरकार ने विश्वास मत हासिल कर लिया है। सत्ता के पक्ष में 47 वोट पड़े, जबकि विपक्ष के पक्ष में 29 ही मत मिले। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की धन शोधन मामले में गिरफ्तारी के बाद चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता चुना गया था। चंपई सोरेन को बीते शुक्रवार को राजभवन में मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। साथ दो अन्य ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इस फ्लोर टेस्ट में सरयू राय तटस्थ रहे जबकि अमित यादव सदन में नहीं पहुंचे थे।
चंपई सोरेन ने सोमवार को राजभवन में अपना विश्वासमत हासिल किया। झारखंड विधानसभा में कुल सदस्यों की संख्या 81 है। जबकि सरकार बनाने के लिए 41 विधायकों की जरूरत होती है। वर्तमान में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के साथ मिलकर सरकार बनाया है। जिसमें झारखंड मुक्ति मोर्चा के 28, कांग्रेस के 16, राष्ट्रीय जनता दल का एक और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का एक विधायक शामिल हैं। वहीं, बीजेपी के 26 विधायक हैं। एनडीए की बात करें तो 32 विधायक है।
वहीं, इससे पहले, हेमंत सोरेन ने सदन में कहा कि मुझे मीडिया से बात नहीं करने के लिए कोर्ट से आदेश मिला है। मै सदन में भी बात नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि मै सदन में चंपई सोरेन के विश्वास मत के समर्थन में खड़ा हूं। हमारी पार्टी और गठबंधन चंपई सोरेन के समर्थन पूरी तरह से खड़ा है।
उन्होंने 31 जनवरी की रात को काली रात बताया। उन्होंने कहा मै कहना चाहता हूं कि 31 जनवरी की काली रात, काला अध्याय देश के लोकतंत्र में नए तरीके से जुड़ा है। 31 की रात को देश मरण पहली बार किसी मुख्यमंत्री को गिरफ्तारी हुई है। मेरे संज्ञान में नहीं है,ऐसा मुझे लगता है कि यह पहली घटना है। ऐसा लगता है कि इस घटना को अंजाम देने में राजभवन भी शामिल है।
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