रमजान माह का जुमा और होली एक ही दिन है, राज्य के अलग-अलग हिस्सों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। इसी बीच रतलाम के शहर काजी मौलवी सैयद अहमद अली की विवादित अपील सामने आई है। लिखित तौर पर उन्होंने एक बयान जारी किया है। शहर काजी के लिखित बयान में कहा गया है कि मुबारक महीना रमजान का चल रहा है और आने वाली 14 मार्च को जुमा और होली एक ही दिन है।
उन्होंने आगे अपील करते हुए कहा, “मुस्लिम आवाम से खास अपील है कि अगर आप पर किसी हिंदू भाई द्वारा गलती से रंग पड़ जाए तो बगैर बुरा मानें मुस्कुराकर आगे बढ़ जाएं और अगर जानबूझकर भी आप पर कोई रंग डाल दे तो आप अपने आका के एक मशहूर वाकिए को याद करें। जब मदीने की गलियों से गुजरा करते थे तो एक बूढ़ी आप पर गंदा कचरा फेंक देती थी। जब आका का ईमान गंदे कचरे से खराब नहीं हुआ और उन्होंने बुरा नहीं माना तो आप उनके उम्मती होने के नाते सब्र करके आगे बढ़ जाएं।”
उन्होंने रमजान माह में ज्यादा से ज्यादा लोगों से मस्जिदों में नमाज में शामिल होने की अपील की है। साथ ही किसी भी विवाद में न पड़ने और शांति और भाईचारे के रिवाज को बनाए रखने की अपील की है।
रतलाम के शहर काजी के बयान पर राज्य सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने ऐतराज जताया है। उन्होंने कहा है कि बहुसंख्यक समाज को चिढ़ाने की कोशिश नहीं होनी चाहिए। होली का त्योहार हमारी संस्कृति से जुड़ा हुआ पर्व है। इस पर्व को हर धर्म और हर समाज के लोग मनाते हैं। जिन्हें रंग से अगर कोई दिक्कत है तो उस समय मत निकलिए। अगर कोई होली खेल रहा है तो उसके रंग में भंग मत डालिए।
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