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Friday, September 20, 2024
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पवार की एंट्री के बाद ज्योतिषियों की बड़ी भविष्यवाणी,’शिंदे सत्ता में बने रहेंगे लेकिन…’

महाराष्ट्र में 2019 से शुरू हुआ सत्ता संघर्ष इतना चरम पर पहुंच गया है कि इन राजनीतिक नेताओं के राजनीतिक के साथ-साथ पारिवारिक रिश्ते भी खराब हो गए हैं| नेता यह इच्छा लेकर चल रहे हैं कि सत्ता ही हमारे जीवन का सर्वोच्च बिंदु है। लोग इतने खुले नहीं हैं कि जान सकें कि उनकी समाज सेवा और स्वार्थ कितना है।

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व्यंकटेश स्तोत्र की ये पंक्तियाँ राज्य की राजनीतिक घटनाओं पर सटीक बैठती हैं। मौजूदा राजनीति में आयाराम गयाराम का दलबदल कार्यक्रम जोरों से चल रहा है| महाराष्ट्र में 2019 से शुरू हुआ सत्ता संघर्ष इतना चरम पर पहुंच गया है कि इन राजनीतिक नेताओं के राजनीतिक के साथ-साथ पारिवारिक रिश्ते भी खराब हो गए हैं| नेता यह इच्छा लेकर चल रहे हैं कि सत्ता ही हमारे जीवन का सर्वोच्च बिंदु है। लोग इतने खुले नहीं हैं कि जान सकें कि उनकी समाज सेवा और स्वार्थ कितना है।
मतदाताओं द्वारा दिए गए कीमती वोट की कीमत कैसे लगाई जाए, इसकी सारी डोर हम उन्हें सौंप देते हैं और फिर हमारे कीमती वोट का क्या होगा? क्या आपकी राय की कोई ‘कीमत’ है? यह कभी पता नहीं चलता कि कौन किस पार्टी में जाएगा और आप जिस उम्मीदवार को चुनेंगे वह बिल्कुल विपरीत समूह में शामिल हो जाएगा। फिलहाल महाराष्ट्र की राजनीति होली की धूल की तरह नजर आने लगी है, लेकिन समाज में आम लोगों की मनःस्थिति मेले में खोये हुए बच्चे जैसी बचकानी लगने लगी है।

महाराष्ट्र में सत्ता की मौजूदा दौड़ में एनसीपी के अजित दादा पवार विपक्षी दल के नेता का पद छोड़कर सरकार में शामिल हो गए हैं|  उन्हें उपमुख्यमंत्री का पद देकर राज्य मामलों में भी शामिल किया गया है। जैसे-जैसे सत्ता में विधायकों की संख्या बढ़ती गई, वैसे-वैसे उनकी उम्मीदें भी बढ़ती गईं। मंत्री पद पर अपना नाम रखने की होड़ लग गई| कई लोग नाराज होने लगे|फिर उन्हें समझाने-बुझाने का आश्वासन देकर शांत करने की कोशिश की गई| ऐसे में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे इस वक्त ज्यादा घबराए हुए हैं, जब सब कुछ खुशहाल चल रहा हो तो क्या अचानक एनसीपी का सत्ता में आना उनके लिए परेशानी का सबब बन सकता है?

वर्तमान में एकनाथ शिंदे की कुंडली में, मंगल अष्टम सिंह में प्रवेश कर चुका है और शनि उनकी मूल कुंडली में कुंभ राशि में है और गोचर शनि वर्तमान में प्रतिगामी है। चतुर्थ में गुरु राहु चांडाल योग कुल मंगल शनि प्रतियोग और राहु की महादशा में केतु की महादशा 27 जुलाई 2023 तक रहेगी। ऐसी स्थिति से गुजरते समय विरोधियों से परेशानी महसूस होगी तो वहीं दूसरी ओर कार्यकर्ता द्वारा की गई गलतियों का भी सामना करना पड़ेगा| कुल मिलाकर उन्हें अभी कोई भी भावनात्मक निर्णय नहीं लेना चाहिए। साथ ही उन्हें इस बात का भी ध्यान रखना जरूरी होगा कि कोई राजनीतिक नुकसान न हो| कुल मिलाकर ऐसा लग रहा है कि एकनाथ शिंदे सत्ता में बने रहेंगे लेकिन… इसमें ‘लेकिन’ वाली ग्रह स्थिति परेशान करने वाली है|

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