एक तरफ जहां किसान और कारोबारी अभी भी केंद्र सरकार द्वारा प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध का विरोध कर रहे हैं, वहीं सोलापुर कृषि उपज बाजार समिति, जो राज्य की प्रमुख प्याज बाजार में शुक्रवार को बड़ी मात्रा में प्याज पहुंचा। लेकिन प्याज की नीलामी बंद रहने के कारण किसानों ने अपना गुस्सा जाहिर किया और कृषि उपज बाजार समिति प्रशासन और व्यापारियों के खिलाफ सोलापुर-पुणे और हैदराबाद राजमार्गों को अवरुद्ध करने की कोशिश की|बाद में उन्होंने कृषि उत्पादन बाजार समिति के प्रशासनिक भवन के समक्ष धरना दिया|
6 दिसंबर को डॉ.बाबा साहेब अंबेडकर महापरिनिर्वाण दिवस पर प्याज की नीलामी बंद कर दी गई| दरअसल, प्याज की कीमत में गिरावट के बीच गुरुवार को बड़ी मात्रा में 86 हजार 801 क्विंटल प्याज की आवक हुई|अधिकतम दर 5000 रुपये और सामान्य दर 2600 रुपये थी,जहां कीमत में करीब तीन सौ रुपये की गिरावट आई है, वहीं आज शुक्रवार को इतनी ही मात्रा में प्याज की आवक हुई है, लेकिन व्यापारियों ने प्याज खरीदने से इनकार कर दिया| प्याज की नीलामी अचानक बंद होने से किसानों में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई|
पुणे, नगर, सांगली के साथ-साथ मराठवाड़ा और पड़ोसी राज्य कर्नाटक के साथ सोलापुर जिले के सर्वदुर क्षेत्र के किसान भारी परिवहन लागत पर प्याज लाए थे। लेकिन पहले से कोई चेतावनी नहीं थी कि प्याज की नीलामी नहीं होगी, इसलिए किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ा, जिससे नाराज किसान सड़कों पर उतर आए थे|
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