सांगली में मीडिया से बात करते हुए विधायक बच्चू कडू ने राय व्यक्त की कि प्याज निर्यात शुल्क से एकत्र पैसा किसान को दिया जाना चाहिए| इस अवसर पर कडू ने कहा, केंद्र सरकार ने घरेलू प्याज की कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाया है। हमारी स्थिति यह है कि इस निर्यात शुल्क से प्राप्त धन प्याज उत्पादक किसानों को मिलना चाहिए।
अब तक कुछ सरकारों पर प्याज के टैरिफ को लेकर गाज गिर चुकी है| प्याज खाने वालों ने सरकारें गिरा दीं। लेकिन अब प्याज उत्पादक भी सरकार गिरा सकते हैं| यदि उपभोक्ताओं को उचित मूल्य पर प्याज चाहिए तो सरकार को सस्ते गल्ले की दुकानों से इसका वितरण कराना चाहिए। अगर प्याज महंगा लगता है तो खाने वालों को प्याज की जगह लहसुन, मूली का इस्तेमाल करना चाहिए।
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जब प्याज की कीमत गिरी तो सरकार ने हस्तक्षेप क्यों नहीं किया| सरकार ने प्याज की कीमतों पर काबू पाने के लिए 40 फीसदी निर्यात शुल्क लगाया है| प्याज निर्यात से सरकार को जो पैसा मिलेगा वह प्याज उत्पादकों तक पहुंचना चाहिए। सरकार कोई भी हो नीति नहीं बदलती। सरकार केवल पहले खाने वालों पर ही विचार करती है। यह पिछले 75 वर्षों से चला आ रहा है| उन्होंने यह भी कहा कि हम यह नहीं सोचते कि सरकार किसकी है, लेकिन जनता का प्रतिनिधि होने के नाते आम लोगों की भावनाओं को व्यक्त करना मेरा कर्तव्य है|
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