महाराष्ट्र विधान सभा चुनाव 2024: क्या कहते हैं ओपनियन पोल?, किसकी बनेगी सरकार!

ओपिनियन पोल के मुताबिक, आगामी विधानसभा चुनाव में महायुति और मावियत के बीच टक्कर देखने को मिलेगी। महायुति को 137 से 152 सीटें मिलने की संभावना है|

महाराष्ट्र विधान सभा चुनाव 2024: क्या कहते हैं ओपनियन पोल?, किसकी बनेगी सरकार!

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आगामी विधानसभा चुनाव का राज्य की जनता भी बेसब्री से इंतजार कर रही है| महाराष्ट्र में इस वक्त 6 बड़ी पार्टियां बन चुकी हैं। दो प्रमुख क्षेत्रीय दलों शिव सेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के बीच विभाजन के बाद यह महाराष्ट्र का पहला विधानसभा चुनाव होगा। इसलिए इस चुनाव पर पूरे देश की नजर है|आगामी विधानसभा चुनाव की पृष्ठभूमि में ओपिनियन पोल सामने आया है। ओपिनियन पोल के मुताबिक, आगामी विधानसभा चुनाव में महायुति और मावियत के बीच टक्कर देखने को मिलेगी। महायुति को 137 से 152 सीटें मिलने की संभावना है|

ओपिनियन पोल के मुताबिक राज्य में भारतीय जनता पार्टी को अधिकतम 83 से 93 सीटें मिलेंगी, जबकि शिव सेना शिंदे गुट को 42 से 52 सीटें मिलेंगी| साथ ही ऐसी भी संभावना है कि एनसीपी अजित पवार गुट को 7 से 12 सीटों पर ही संतोष करना पड़ेगा| वहीं, महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस को अधिकतम 58 से 68 सीटें मिलने की संभावना है| इसके बाद एनसीपी शरद पवार गुट को 35 से 45 सीटें मिलने की संभावना है| शिवसेना ठाकरे समूह को 26 से 31 सीटें मिलने की संभावना है| साथ ही अन्य को 3 से 8 सीटें मिलने का अनुमान है|

मुख्यमंत्री पद के लिए पसंदीदा चेहरा कौन है?: अधिक विशेष रूप से, मुख्यमंत्री पद के लिए पसंदीदा चेहरा कौन है? इस संबंध में एक सर्वे कराया गया है| पोल के मुताबिक राज्य की 37 फीसदी जनता मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के चेहरे को पसंद करती है| इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और देवेन्द्र फड़णवीस का चेहरा 21-21 फीसदी लोगों की पसंद है| शरद पवार को 10 फीसदी और अन्य को 11 फीसदी वोट मिले|

‘लाडली बहना’ योजना से महायुति को फायदा?: विधानसभा चुनाव में ‘लाडली बहना’ योजना से कितने प्रतिशत महायुति को फायदा हुआ? इस संबंध में एक सर्वे कराया गया| 58 फीसदी लोगों की राय है कि यह योजना कारगर रही है| 24 फीसदी लोगों का कहना है कि यह योजना कुछ हद तक कारगर रही है| 6 फीसदी लोगों का कहना है कि इस योजना से महायुति को चुनाव में कोई मदद नहीं मिलेगी​|​5 फीसदी नागरिकों ने जवाब दिया कि वे कह नहीं सकते​, जबकि 7 फीसदी नागरिकों ने कहा है कि ​’लाडली बहना’ योजना प्रचार का एक तरीका था​|​

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