पिछले कुछ महीनों से ऐसी अफवाहें थीं कि प्रहार संगठन के विधायक बच्चू कडू मंत्री पद से नाखुश हैं| बच्चू कडू ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया था कि बच्चू कडू के अनुसरण के बाद राज्य सरकार ने विकलांगों के लिए एक अलग मंत्रालय की घोषणा की थी। साथ ही यह भी चर्चा थी कि बच्चू कडू को ही इस मंत्रालय का प्रशासन मिलेगा| हालांकि, अजित पवार गुट के शामिल होने से एक तीसरा गुट मंत्री पद का दावेदार बनकर आ गया और कहा गया कि यह उम्मीद खत्म हो गई है| इसी पृष्ठभूमि में आज बच्चू कडू ने ऐलान किया कि वह मंत्री पद पर अपना दावा छोड़ रहे हैं|
देश में आज दो अहम बैठकों पर चर्चा हो रही है|एक तरफ बेंगलुरु में भाजपा विरोधी दलों की बैठक है तो दूसरी तरफ दिल्ली में एनडीए की बैठक है. इस बैठक के लिए विधायक बच्चू कडू भी दिल्ली पहुंचे हैं|इस मौके पर मीडिया से बात करते हुए बच्चू कडू ने अपने फैसले की घोषणा की|दरअसल पांच दिन पहले यानी 13 जुलाई को बच्चू कडू ने इस संबंध में संकेत दिया था|हालांकि, उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद फैसले की घोषणा करेंगे|इसी के तहत उन्होंने आज अपने फैसले का ऐलान किया है|
बच्चू कडू ने क्या कहा?: बच्चू कडू ने कहा कि मुख्यमंत्री से चर्चा हुई|वहां 40-50 विधायक हैं। मंत्री पद कम हैं| मंत्री पद को लेकर विधायकों के बीच जबरदस्त खींचतान चल रही है| इन सबमें मेरी भूमिका एक दोस्त की है।’ यह बड़ी बात है कि उन्होंने विकलांग मंत्रालय दिया है| मैंने मंत्री पद का दावा छोड़ दिया है क्योंकि उनकी समस्या का समाधान होना चाहिए।’ उसने जोर दिया। वे कह रहे थे कि हम आपको मंत्री बनाना चाहते हैं| मैंने उनसे कहा कि कुल मिलाकर एक समस्या है| अगर उस जगह मेरे अलावा कोई और खुश है तो कोई दिक्कत नहीं है।
PM मोदी का विपक्ष पर बड़ा हमला, कहा “यह कट्टर भ्रष्टाचारी सम्मेलन”