मराठा आरक्षण के लिए आंदोलन करने वाले मनोज जरांगे ने उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस पर गंभीर आरोप लगाए थे। और जरांगे फडणवीस सागर बगला आने वाले हैं| इसके बाद सरकार ने भी सख्त रुख अपनाते हुए भीड़भाड़ पर रोक लगाने का आदेश दिया|विधानमंडल के बजट सत्र में आज भाजपा नेताओं ने जरांगे के आंदोलन की एसआईटी जांच की मांग की| साथ ही शरद पवार जरांगे के आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं| प्रवीण दरेकर ने आरोप लगाया कि राजेश टोपे की फैक्ट्री में साजिश हुई है|
राजेश टोपे ने क्या कहा?: यह लड़ाई गरीब मराठा समुदाय के कल्याण के उद्देश्य से मनोज जरांगे ने शुरू की है। मनोज जरांगे पाटिल के पिछले इतिहास पर नजर डालें तो वह कई वर्षों से शिबवा नामक संगठन के लिए काम कर रहे हैं। जब मैं जालना का संरक्षक मंत्री था, तब मनोज जरांगे ने 105 दिनों का सबसे लंबा अनशन किया था। हमारे शहीद बच्चों को 10 लाख और नौकरी देने पर सहमति बनी थी, लेकिन वो मांगें पूरी नहीं हुईं|उसने पूछा कि पैसे कब मिलेंगे। उनमें से कुछ लोग भूख हड़ताल पर भी चले गये।
उस समय मविआ की सरकार के दौरान उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे, जब अशोक चव्हाण समिति के अध्यक्ष थे, तब उनसे मुलाकात हुई थी, लेकिन जरांगे ने कहा कि वह मुख्यमंत्री से ही बात करेंगे|उस वक्त उद्धव ठाकरे ने वर्षा बंगले पर मनोज जारंगे को समय देकर इन मुद्दों को सुलझाने की कोशिश की थी|मैं जो कहना चाहता हूं वह यह है कि जरांगे अब या जब से हमारी सरकार अस्तित्व में आई है तब से भूख हड़ताल पर हैं।
अगर मेरे क्षेत्र में कोई आंदोलन होता तो मैं उस क्षेत्र के लोगों के प्रतिनिधि के रूप में पानी या नाश्ता उपलब्ध कराता| यह समाज का प्रेम है|राजेश टोपी ने कहा, इसका महत्वपूर्ण हिस्सा यह है कि मैं यह कहना चाहता हूं कि हमें किसी भी मार्च या आंदोलन के दौरान मानवता को नहीं भूलना चाहिए।
इस बीच जो भी संदेह व्यक्त किया गया और जो भी आरोप लगाए गए वह पूरी तरह से गलत हैं।मेरे ऊपर पथराव के आरोप भी झूठे हैं|मेरे ऊपर लगे आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है|मनोज जरांगे पाटिल मराठा आरक्षण के लिए लड़ रहे हैं टोपे ने यह भी स्पष्ट किया कि जरांगे का किसी भी पार्टी से कोई संबंध नहीं है।
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