महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण के लिये अनशन पर बैठे मनोज जारांगे ने गुरुवार को आंदोलन खत्म करने का ऐलान किया।जारांगे ने शिंदे सरकार को केवल दो माह का समय दिया है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर मराठा आरक्षण नहीं मिला तो मुंबई को मिलने वाली रोजाना चीजों के लिए तरसा देंगें।
बता दें कि गुरुवार को सीएम एकनाथ शिंदे ने शिंदे कमेटी को इस मुद्दे 24 दिसंबर तक विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है। हालांकि, आंदोलन स्थल पर धनंजय मुंडे ने इस कार्यवाही के लिए आठ दिन और समय मांगा है। इस तरह 2 जनवरी 2024 तक का समय है। जारांगे ने अपनी मांग में कहा है कि मराठाओं को कुनबी प्रमाण पत्र दिया जाए। गौरतलब है कि कुनबी समाज को पहले से ही सरकारी नौकरियों और शैक्षिक संस्थाओं में आरक्षण मिलता है। इस तरह देखा जाए तो अगर मराठाओं को कुनबी प्रमाण पत्र मिलता है तो उन्हें आरक्षण का लाभ स्वयं ही मिलने लगेगा।
इस दौरान जारांगे ने कहा कि अगर सरकार वादा तोड़ती है तो एक मिनट के लिए भी समय नहीं दिया जाएगा। वहीं शिंदे सरकार ने मराठाओं को कुनबी प्रमाणपत्र देना शुरू कर दिया है। इससे मराठाओं को ओबीसी समुदाय में शामिल करने का रास्ता साफ हो गया। बताते चले कि पिछले माह महाराष्ट्र कैबिनेट में यह निर्णय लिया गया था कि मराठवाड़ा के उन मराठों को कुनबी प्रमाणपत्र दिया जाएगा जिनके पास निजाम युग के राजस्व या शिक्षा के दस्तावेज हैं। जो उन्हें कुनबी के रूप में पहचान कराते हैं। महाराष्ट्र में कृषि व्यवसाय से जुड़ा समुदाय कुनबी समुदाय में आता है जो पहले से ही आरक्षण का लाभ ले रहा है।
ये भी पढ़ें
मराठा आरक्षण पर राहुल गांधी की चुप्पी पर नितेश राणे का सवाल!
CPI की रैली में नीतीश कुमार ने क्यों कांग्रेस पर जताई नाराजगी?