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Saturday, July 27, 2024
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संदेशखाली हिंसा: SC का ममता को झटका, तुरंत सुनवाई से इनकार!

टीएमसी की ओर से संदेशखाली और उनके नेता शाहजहां की सीबीआई जाँच के आदेश को लेकर सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है| वही इस मामले को कोलकाता हाईकोर्ट ने ईडी की टीम पर हमले की जांच को सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया था|  

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पश्चिम बंगाल 24 परगना, संदेशखाली बलात्कार और हिंसा मामले में टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी को जबरदस्त झटका लगता दिखाई दे रहा है| वही हाईकोर्ट मामले को चुनौती याचिका को लेकर तुरंत सुनवाई करने स्पष्ट रूप से इनकार कर दिया है| बता दें कि टीएमसी की ओर से संदेशखाली और उनके नेता शाहजहां की सीबीआई जाँच के आदेश को लेकर सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है| वही इस मामले को कोलकाता हाईकोर्ट ने ईडी की टीम पर हमले की जांच को सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया था|  

गौरतलब है कि आज ममता सरकार के मामले की तुरंत सुनवाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सिरे से इनकार कर दिया। कोर्ट के इस आदेश के बाद टीएमसी को संदेशखाली हिंसा मामले को लेकर जबरदस्त झटका लगता दिखाई दे रहा है| इस मामले कोलकाता हाईकोर्ट कड़े तेवर और सीबीआई जांच को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। 

बता दें कि ममता बनर्जी की सरकार ने विगत 2 माह पूर्व को संदेशखाली में ईडी के अधिकारियों पर हुए हमले की जांच सीबीआई को सौंपने के कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इसे लेकर बंगाल सरकार ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई और मामले की तुरंत सुनवाई की मांग की।

सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने सरकार की याचिका पर जवाब देते हुए कहा कि आपने एक अर्जी दिया है। प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) भोजन अवकाश के बाद सूचीबद्ध करने की निवेदनों पर संज्ञान लेते हैं। बता दें कि पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ के सामने अर्जी लगाई थी।

पश्चिम बंगाल सरकार को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलने पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि देश में ‘बेटी बचाओ’ आंदोलन है, लेकिन पश्चिम बंगाल में ‘शाहजहां बचाओ’ आंदोलन चल रहा है। ममता बनर्जी शाहजहां को बचाने का काम कर रही हैं, जो नारी उत्पीड़न व अत्याचार का अपराधी है। इंडी गठबंधन के सभी नेता संदेशखाली की महिलाओं के खिलाफ अन्याय के खिलाफ चुप हैं।

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