रुपाली गांगुली ने कहा, “प्रधानमंत्री ने चीन के उत्पादों के बहिष्कार का आह्वान किया, जिसके बाद से यह विचारधारा धीरे-धीरे देशभर में व्यापक रूप से स्वीकार की जाने लगी है। शुरुआत में केवल मोदी जी के समर्थक इस आंदोलन में शामिल हुए थे, लेकिन समय के साथ जनता ने भी यह महसूस किया कि घरेलू उत्पादों को प्राथमिकता देना न केवल हमारे कारीगरों और छोटे व्यवसायों को मजबूत करता है, बल्कि देश की आर्थिक आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा देता है।
उन्होंने कहा, ” ‘मेड इन इंडिया’ के प्रति बढ़ती जागरूकता ने देशवासियों में अपनी अर्थव्यवस्था पर गर्व करने की भावना को जागृत किया है। छोटे-छोटे कदमों से शुरू हुआ यह आंदोलन केवल एक उत्पाद या अभियान नहीं था, बल्कि आम जनता के लिए एक शुरुआत थी कि वे भारत को अपना व्यवसाय दें।
एक्ट्रेस ने कहा, “अब एप्पल जैसे वैश्विक ब्रांड भी अपने उत्पादों का निर्माण देश में ही कर रहे हैं, जो पहले हमारे लिए एक दूर की कल्पना थी। इसके साथ ही, अन्य कई कंपनियां भी अपने प्रोडक्ट्स को भारत में बनाने लगी हैं, जिससे स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा मिल रहा है। इस बदलाव में रतन टाटा जैसे दिग्गज उद्योगपतियों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है, जिन्होंने देश में उत्पादन और निवेश को प्रोत्साहित करने में अग्रणी भूमिका निभाई है।”
रुपाली ने कहा, “पहले शायद किसी ने सोचा भी नहीं था कि विदेशी कंपनियां भारत में बड़े पैमाने पर निवेश और उत्पादन करेंगी। लेकिन मोदी सरकार की ‘ईज ऑफ डुइंग बिजनेस’ और पारदर्शिता की नीतियों ने देश के उद्योगपतियों के लिए कारोबार करना पहले से कहीं ज्यादा आसान बना दिया है।
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