महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) की गहराती वित्तीय स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार अब इस पर पारदर्शिता लाने की दिशा में कदम उठा रही है। परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक सोमवार (23 जून)को एक विस्तृत श्वेत पत्र (White Paper) जारी करने जा रहे हैं, जिसमें निगम की मौजूदा वित्तीय स्थिति, घाटे, राजस्व, खर्च, बकाया ऋण और लंबित भुगतानों का पूरा ब्योरा होगा। यह श्वेत पत्र न केवल स्थिति को सार्वजनिक करेगा, बल्कि निगम को संकट से बाहर निकालने के लिए संभावित समाधान भी सुझाएगा।
एमएसआरटीसी वर्तमान में रोजाना ₹1 से ₹2 करोड़ का घाटा झेल रहा है और अब तक का कुल घाटा ₹10,000 करोड़ से अधिक हो चुका है। मार्च 2024 में किरायों में लगभग 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी के बावजूद स्थिति में कोई खास सुधार नहीं हुआ है। पिछले 9 वर्षों में अगस्त 2023 को छोड़कर निगम को किसी भी माह लाभ नहीं हुआ। उस एक माह में ₹16.08 करोड़ का लाभ दर्ज किया गया था। निगम पर फिलहाल ₹3,500 करोड़ के कर्मचारियों के बकाए और ₹7,000 करोड़ की अधोसंरचना व आपूर्ति संबंधी देनदारियां बाकी हैं।
सरकार ने अब वित्तीय अनुशासन लागू करने के लिए निर्णय लिया है कि ₹1 करोड़ से अधिक के किसी भी खर्च को परिवहन मंत्री की पूर्व मंजूरी के बाद ही स्वीकृति दी जाएगी। यह फैसला इसलिए लिया गया है ताकि कर्मचारियों के वेतन भुगतान में हो रही देरी खत्म हो और खर्चों पर नियंत्रण रहे।
एमएसआरटीसी छात्रों, वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और दिव्यांगों सहित कुल 31 वर्गों को रियायती दरों पर यात्रा सुविधा देता है। इसके बदले सरकार की ओर से ₹350–400 करोड़ मासिक सहायता दी जाती है, लेकिन इसमें भी ₹1,000 करोड़ से अधिक की राशि अब तक लंबित है।
श्वेत पत्र में जो समाधान प्रस्तावित किए जाएंगे, उनमें घाटे वाले लंबी दूरी के रूट्स में कटौती, विज्ञापन से आय बढ़ाना, निगम की खाली जमीनों का व्यावसायिक उपयोग और कर्मचारियों को प्रोत्साहन देकर राजस्व बढ़ाना शामिल है। परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने बतौर अध्यक्ष वित्तीय निर्णयों पर सीधी निगरानी शुरू कर दी है। उन्होंने यह आदेश भी दिए हैं कि कोई भी बड़ा खर्च, ठेके का मंजूरी विस्तार या खरीदारी अब बिना उनकी अनुमति के नहीं की जाएगी।
इस बीच मंत्री सरनाईक की तबीयत पिछले सप्ताह खराब हो गई थी और उन्हें ठाणे के जुपिटर अस्पताल में भर्ती किया गया था। रविवार (22 जून)रात उन्हें छुट्टी मिल गई। अस्पताल से छुट्टी के बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “डॉक्टरों की सलाह पर कुछ दिन आराम करूंगा और फिर नई ऊर्जा के साथ सेवा के लिए तैयार रहूंगा। आप सभी का आशीर्वाद ऐसे ही बना रहे।”
अब सभी की निगाहें श्वेत पत्र पर टिकी हैं जो यह तय करेगा कि एमएसआरटीसी को इस संकट से कैसे उबारा जाएगा और क्या सरकार की ओर से उठाए गए कदम इसमें कारगर साबित होंगे।
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