30 C
Mumbai
Saturday, September 21, 2024
होमन्यूज़ अपडेटसमूह नेता और उपाध्यक्ष पर बाध्यकारी नहीं है", विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर...

समूह नेता और उपाध्यक्ष पर बाध्यकारी नहीं है”, विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर का बयान

इस बार कोर्ट ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के ज्यादातर फैसलों को गलत और अवैध बताया है|इसके अलावा, यह भी कहा गया है कि शिवसेना के मुख्यमंत्री के रूप में भरत गोगावले की नियुक्ति अवैध थी। इस बीच, विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने राय व्यक्त की है कि भरत गोगावले इस पद पर जीत सकते हैं।

Google News Follow

Related

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते महाराष्ट्र सत्ता संघर्ष पर अपना फैसला सुनाया। इस बार कोर्ट ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के ज्यादातर फैसलों को गलत और अवैध बताया है|इसके अलावा, यह भी कहा गया है कि शिवसेना के मुख्यमंत्री के रूप में भरत गोगावले की नियुक्ति अवैध थी। इस बीच, विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने राय व्यक्त की है कि भरत गोगावले इस पद पर जीत सकते हैं।
राहुल नार्वेकर ने 16 मई, 2023 को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने विधायकों की अयोग्यता के मुद्दे, सुप्रीम कोर्ट के आदेश और भरत गोगावले को डिप्टी नियुक्त करने जैसे कई सवालों के जवाब दिए|इस दौरान एक मीडिया प्रतिनिधि ने नार्वेकर से सवाल किया कि भरत गोगावले की डिप्टी के तौर पर नियुक्ति को सुप्रीम कोर्ट ने अवैध करार दिया है| इस बारे में आप क्या करने जा रहे हैं? नार्वेकर ने कहा, मैंने सुप्रीम कोर्ट का फैसला पढ़ा है। इस फैसले को लेकर लोगों में भ्रांतियां हैं।

विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा है कि उपाध्यक्ष के रूप में भारत गोगावले का चुनाव, जिसे हमने मंजूरी दे दी है, अवैध घोषित कर दिया गया है क्योंकि यह प्रमाणित नहीं किया गया है कि चुनाव किसी राजनीतिक दल द्वारा कराया गया था या नहीं। लेकिन अगर इस कसौटी पर हम पूरी जांच पड़ताल के बाद आते हैं तो भरत गोगावले को राजनीतिक दल द्वारा इस पद के लिए चुना गया था तो कोर्ट ने भरत गोगावले को उस पद पर नियुक्त करने से लेकर हम पर कोई बाध्यता नहीं लगाई है|

राहुल नार्वेकर ने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि उस समय कौन सी राजनीतिक पार्टी थी, इसका अध्ययन करने के बाद फैसला लेना होगा। यह निर्णय लेने के बाद संबंधित राजनीतिक दल द्वारा मनोनीत व्यक्ति को पद दे दें। उन्होंने कहा कि मैंने सुप्रीम कोर्ट का फैसला पढ़ा है। इस फैसले को लेकर लोगों में भ्रांतियां हैं।
यह भी पढ़ें-

जानिये Facebook की मेटा टीम ने कैसे बचाई मध्य प्रदेश की लड़की की जान?    

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

हमें फॉलो करें

98,378फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
178,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें