गुरुवार को दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने कहा था कि फैसला शुक्रवार को सुनाया जाएगा। सुनवाई के दौरान मलिक के वकील ने कहा कि जेल में कैद लोगों के मतदान पर प्रतिबंध है ,लेकिन यह प्रतिबंध भौतिक समस्या की वजह से होता है। जैसे सुरक्षा व्यवस्था का बंदोबस्त करना या जेल से मतदान के लिए ले जाने में जरुरी व्यवस्था के लिए है। हालांकि मलिक के वकील ने कहा कि यह एक सामान्य अनुरोध है। हालांकि, तमाम दलीलों को सुनने के बाद भी कोर्ट ने दोनों नेताओं को मतदान की अनुमति नहीं दी। गौरतलब है कि महाराष्ट्र विधान परिषद की दस खाली सीटों पर दो साल के लिए 20 जून को मतदान होगा। इस सीट पर कुल 11 उम्मीदवार हैं।
नवाब मलिक और अनिल देशमुख दोनों इस समय जेल में हैं। दोनों को अभी तक उनके खिलाफ आरोपों में दोषी नहीं ठहराया गया है। दलील के समय दोनों नेताओं ने कोर्ट से कहा कि उन्हें वोट देने के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता| यह भी आरोप लगाया गया कि अदालत को दोनों को वोट देने की अनुमति देने का विशेषाधिकार प्राप्त था। हालांकि, ईडी ने दावा किया था कि कैदियों को कानून द्वारा वोट देने का अधिकार नहीं है।
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