केंद्र सरकार ने बुधवार को संसद में दिए गए अपने बयान पर स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से संबंधित कोई भी दस्तावेज़ प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय (PMML) से लापता नहीं है। संस्कृति मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि 2008 में सोनिया गांधी द्वारा लिए गए 51 बॉक्स दस्तावेज़ ‘मिसिंग’ के रूप में चिह्नित नहीं हैं, क्योंकि वे उनके पास सुरक्षित हैं और उनका ठिकाना ज्ञात है। मंत्रालय ने एक बार फिर सोनिया गांधी से इन दस्तावेज़ों को PMML को लौटाने का आग्रह किया।
कांग्रेस पार्टी ने संसद में सरकार के उत्तर का हवाला देकर उस पर यह आरोप लगाया कि उसने पहले गलत दावा किया था कि सोनिया गांधी ने नेहरू से जुड़े काग़ज़ात अपने पास ले लिए थे। विवाद की शुरुआत शुक्रवार (12 दिसंबर)को केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भाजपा सांसद संबित पात्रा के प्रश्न के उत्तर में PMML से संबंधित जानकारी देते हुए की। मंत्री ने कहा, “नहीं, प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय में दस्तावेज़ों का कोई वार्षिक ऑडिट नहीं होता।”
प्रश्न में यह भी पूछा गया था कि क्या निरीक्षण के दौरान जवाहरलाल नेहरू से जुड़े कुछ दस्तावेज़ गायब पाए गए। इस पर मंत्री ने उत्तर दिया, “नहीं, वर्ष 2025 में PMML के वार्षिक निरीक्षण के दौरान भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू से संबंधित कोई भी दस्तावेज़ संग्रहालय से लापता नहीं पाया गया।”
इस उत्तर को साझा करते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मंगलवार को X पर दावा किया कि इससे ‘सच्चाई’ सामने आ गई है और सरकार से माफी की मांग की। उन्होंने लिखा, “लोकसभा में कल सच्चाई आखिरकार सामने आ गई। क्या अब माफी दी जाएगी?” जयराम रमेश ने यह संकेत देने की कोशिश की कि पहले मोदी सरकार ने यह कहकर गलतबयानी की थी कि सोनिया गांधी ने नेहरू के निजी पारिवारिक पत्र और नोट्स 51 बॉक्स में ले लिए थे।
संस्कृति मंत्रालय ने इन आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि 29 अप्रैल 2008 को सोनिया गांधी के सहायक एम. वी. राजन ने एक पत्र लिखकर यह बताया था कि सोनिया गांधी नेहरू के सभी निजी पारिवारिक पत्र और नोट्स वापस लेना चाहती हैं। इसके अनुरूप 51 कार्टन नेहरू दस्तावेज़ 2008 में उन्हें सौंपे गए। मंत्रालय ने कहा कि PMML तब से लगातार सोनिया गांधी के कार्यालय के संपर्क में है और दस्तावेज़ों की वापसी के लिए पत्राचार करता रहा है। इस वर्ष जनवरी और जुलाई में भी दो पत्र भेजे गए हैं।
The truth was finally revealed in the Lok Sabha yesterday. Will there be an apology forthcoming? pic.twitter.com/lRNoT4Ns6X
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) December 16, 2025
मंत्रालय ने अपने स्पष्टीकरण में कहा, “इसलिए नेहरू पेपर्स PMML से ‘लापता’ नहीं हैं, क्योंकि उनका ठिकाना ज्ञात है।” साथ ही यह भी जोड़ा गया कि “भारत के पहले प्रधानमंत्री से संबंधित ये दस्तावेज़ देश की दस्तावेज़ी विरासत का हिस्सा हैं, निजी संपत्ति नहीं। इनका PMML की अभिरक्षा में होना और नागरिकों व शोधकर्ताओं को शोध के लिए उपलब्ध कराना अत्यंत आवश्यक है।”
On JN papers:
Vide letter dated 29.04.2008 Shri M V Rajan, representative of Smt. Sonia Gandhi, requested that Smt. Gandhi wishes to take back all of the private family letters and notes of former PM Jawahar Lal Nehru. (1/4) @gssjodhpur
— Ministry of Culture (@MinOfCultureGoI) December 17, 2025
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय नई दिल्ली के तीन मूर्ति भवन परिसर में स्थित है, जो कभी जवाहरलाल नेहरू का आधिकारिक निवास था। 1964 में नेहरू के निधन के बाद इसे संग्रहालय और पुस्तकालय में बदला गया। वर्ष 2023 में मोदी सरकार ने इसका नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय किया, ताकि यह केवल नेहरू नहीं बल्कि भारत के सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों को समर्पित संस्थान बन सके। प्रधानमंत्री संग्रहालय (प्रधानमंत्री संग्रहालय) को 2022 में आम जनता के लिए खोला गया था।
यह भी पढ़ें:
सर्द मौसम और आहार की कमी का संकेत देते हैं फटे गाल, इन उपायों से मिलेगी राहत
इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर से पैदा हुए करीब 1.80 लाख रोजगार: केंद्र
