अमरावती में भाजपा के दो सहयोगी दलों के बीच टकराव चल रहा है| प्रहार जनशक्ति पार्टी के खिलाफ युवा स्वाभिमान पार्टी के विधायक रवि राणा और उनकी पत्नी सांसद नवनीत राणा के बीच बहस जारी है| प्रभाव क्षेत्र बढ़ाने के लिए बच्चू कडू और राणा दंपत्ति के बीच खींचतान देखने को मिल रही है| चर्चा है कि नवनीत राणा आगामी लोकसभा चुनाव में अमरावती से भाजपा के टिकट पर खड़े होंगे| लेकिन, बच्चू कडू इसके खिलाफ हैं| साथ ही लोकसभा के बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में राज्य में ज्यादा से ज्यादा सीटें पाने के लिए विधायक एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं| इसलिए बच्चू कडू की मांग है कि लोकसभा की तरह ही अब विधानसभा की तस्वीर भी साफ होनी चाहिए|
इस बीच भारतीय जनता पार्टी इन दिनों विधानसभा क्षेत्रवार बैठकें कर रही है| भाजपा ने रविवार (14 जनवरी) को अमरावती लोकसभा को लेकर बैठक बुलाई है| इस बैठक में भाजपा ने सभी सहयोगी दलों के नेताओं और पदाधिकारियों को आमंत्रित किया है| हालांकि, बच्चू कडू ने साफ कर दिया है कि वह इस बैठक में नहीं जाएंगे| लोकसभा पर चर्चा के लिए मुंबई में भाजपा द्वारा बुलाई गई बैठक से भी बच्चू कडू बुरी तरह अनुपस्थित रहे। इस समय बच्चू कडू ने कहा, हमें (प्रहार जनशक्ति पार्टी) को इस बैठक में आमंत्रित किया गया है| लेकिन, हम इस बैठक में नहीं जायेंगे| हम जानबूझ कर नहीं जायेंगे| क्योंकि, फिलहाल लोकसभा को लेकर हमारी स्थिति तटस्थ है|
बच्चू कडू ने कहा, हमें राज्य भर के जिला प्रमुखों के फोन आ रहे हैं| हमने हमेशा गठबंधन के लिए प्रयास किया है। लेकिन, मेरे निर्वाचन क्षेत्र (अचलपुर) और राजकुमार पटेल के निर्वाचन क्षेत्र (मेलघाट) के अलावा, राज्य के बाकी हिस्सों में प्रहार के तहत दो नगर पंचायतें हैं। लेकिन, वहां फंड उपलब्ध नहीं है| इसलिए वे (भाजपा) विधानसभा को लेकर क्या निर्णय लेने जा रहे हैं, यह पहले स्पष्ट होना चाहिए| आपको यह तय करना होगा कि आप चर्चा कैसे करेंगे। उसके लिए एक बैठक होनी चाहिए. फिर महागठबंधन के काम पर अप्लाई करते हैं|
विधायक बच्चू कडू ने कहा, भाजपा लोकसभा चुनाव पर फोकस कर रही है| सिर्फ लोकसभा की चर्चा हो रही है| लेकिन, भाजपा के लिए जितना लोकसभा चुनाव महत्वपूर्ण है, हमारे लिए विधानसभा उतना ही महत्वपूर्ण है| उन्हें लोकसभा पर विचार करना चाहिए| लेकिन, हमारे दिमाग में एक सभा है। इसलिए जब तक विधानसभा की तस्वीर साफ नहीं हो जाती, हमारा रुख तटस्थ रहेगा| हम तटस्थ हैं जिसका मतलब है कि हम इंतजार करेंगे, मिलेंगे, खेलेंगे अगर इससे कोई निर्णय नहीं होता है।
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