प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से संबोधन के दौरान ऐलान किया कि देश की पहली ‘मेड इन इंडिया’ सेमीकंडक्टर चिप इस साल के अंत तक बाजार में लॉन्च कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि देश में पहले से छह सेमीकंडक्टर यूनिट्स काम कर रही हैं और चार नई यूनिट्स को हरी झंडी मिल चुकी है। साथ ही उन्होंने भारत में छह दशकों पहले भारत में सेमीकंडक्टर के मिशन की भ्रूण हत्या होने की चौकाने वाली जानकारी साझा की।
पीएम मोदी ने कहा, “इस साल के अंत तक, ‘मेड इन इंडिया’, ‘भारत के लोगों द्वारा बनाई गई’ चिप्स बाजार में आएंगी।” उन्होंने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि, मेरे प्यारे युवाओं यह बात जानकार आपको हैरानी होगी की हमारे देश में 50 से 60 साल पहले सेमीकंडक्टर के विचार की भ्रूण हत्या की गई थी। जबकि 50-60 सालों में कई देश सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में अपनी महारथ हासिल कर गए। अब हमने उस मोड़ को छोड़कर इसे मिशन मोड़ में काम शुरू किया है। कई नए यूनिट्स को स्थापित करने पर हम काम कर रहे हैं। इसी साल के अंत तक मेड इन इंडिया सेमीकंडक्टर चिप्स बाजार में आ जाएगी।
उन्होंने कहा कि अब देश अतीत के बोझ से मुक्त होकर मिशन मोड में सेमीकंडक्टर सेक्टर में आगे बढ़ रहा है। दरअसल, भारत में सेमीकंडक्टर संयंत्र स्थापित करने की पहली कोशिश 1960 के दशक के अंत में अमेरिकी भौतिक विज्ञानी और उद्यमी रॉबर्ट नॉयस ने की थी, जो बाद में इंटेल के सह-संस्थापक बने।
इसी बीच सरकार ने हाल ही में चार नए सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी है, जिनमें अमेरिकी दिग्गज कंपनियां इंटेल, लॉकहीड मार्टिन और अप्लाइड मटेरियल्स शामिल हैं। इनमें ओडिशा में 3D ग्लास सॉल्यूशंस इंक का 1,943 करोड़ रुपये का पैकेजिंग यूनिट, भुवनेश्वर में SiCsem का 2,066 करोड़ रुपये का सिलिकॉन कार्बाइड चिप फैब्रिकेशन प्लांट, आंध्र प्रदेश में 468 करोड़ रुपये का चिप पैकेजिंग प्लांट और पंजाब में सीडीआईएल का 117 करोड़ रुपये का सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट शामिल है।
इसके साथ ही भारत में सेमीकंडक्टर प्लांट्स की संख्या 10 हो गई है, जिनमें टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और ताइवान की PSMC का 91,000 करोड़ रुपये का वेफर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट, माइक्रोन टेक्नोलॉजी का 22,516 करोड़ रुपये का पैकेजिंग प्लांट, सीजी पावर का 7,600 करोड़ का प्रोजेक्ट, टाटा सेमीकंडक्टर असेम्बली एंड टेस्ट प्रा. लि. का 27,000 करोड़ का प्लांट, केयन्स सेमीकॉन का 3,307 करोड़ का प्रोजेक्ट और एचसीएल-फॉक्सकॉन का 3,700 करोड़ रुपये का संयंत्र शामिल है।
पीएम मोदी ने ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत ने सौर ऊर्जा उत्पादन में 30 गुना वृद्धि की है, ग्रीन हाइड्रोजन मिशन पर हजारों करोड़ रुपये का निवेश किया है और 2047 तक परमाणु ऊर्जा क्षमता को 10 गुना से अधिक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने युवाओं से नए आइडिया पर काम करने और उन्हें मरने न देने की अपील की।
उन्होंने कहा, “ऊर्जा के क्षेत्र में हम एनर्जी के लिए बहुत सारे देशों पर निर्भर हैं। लाखों करोड़ रुपये खर्च कर हमें ईंधन लाना पड़ता है। हमें अपने देश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना होगा। आज देश में सोलर एनर्जी 30 गुना बढ़ गई है। हम क्लीन एनर्जी की दिशा में भी तेजी से काम कर रहा है। भारत मिशन ग्रीन हाइड्रोजन पर हजारों करोड़ रुपये का निवेश कर रहा है। भारत न्यूक्लियर एनर्जी पर भी बड़े फैसले ले रहे है। न्यूक्लिय एनर्जी में कई नए रिएक्टर पर काम किया जा रहा है। 2047 तक हम परमाणु ऊर्जा क्षमता को 10 गुना से ज्यादा आगे बढ़ाने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रहे है।”
दौरान सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, भारत का सेमीकंडक्टर बाजार 2024-25 में 45-50 अरब डॉलर तक पहुंच गया है और 2030 तक इसके 100-110 अरब डॉलर तक बढ़ने का अनुमान है।
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