प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने त्रिनिदाद और टोबैगो के अपने ऐतिहासिक दौरे के दौरान भारतीय प्रवासियों को बड़ी सौगात दी है। उन्होंने घोषणा की कि त्रिनिदाद और टोबैगो में रहने वाले भारतीय मूल की छठी पीढ़ी को भी अब ओवरसीज सिटिजनशिप ऑफ इंडिया (OCI) कार्ड दिए जाएंगे। यह फैसला वहां के भारतीय समुदाय में उत्सव और गर्व का कारण बन गया है। दरम्यान पीएम मोदी को वेस्ट इंडीज़ टीम के घातक बल्लेबाज़ ब्रायन लारा के पुल शॉट्स और कव्हर ड्राइव भी याद किए।
पीएम मोदी ने अपनी 25 साल पहले की त्रिनिदाद यात्रा को भी याद करते हुए कहा, “तब हम ब्रायन लारा के कवर ड्राइव और पुल शॉट्स की तारीफ करते थे, आज सुनील नरेन और निकोलस पूरन युवाओं को उत्साहित करते हैं। हमारी दोस्ती तब से अब तक और मजबूत हुई है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय मूल के लोगों को संबोधित कर कहा, “आप सिर्फ खून या उपनाम से नहीं, बल्कि दिल से भारत से जुड़े हैं। भारत आपका स्वागत करता है और आपको गले लगाता है।” उन्होंने यह भी कहा कि प्रवासी भारतीयों ने भारत की संस्कृति, आध्यात्म और मूल्यों को पूरी दुनिया में जीवंत बनाए रखा है।
पीएम मोदी ने त्रिनिदाद और टोबैगो की पूर्व प्रधानमंत्री कमला पर्साद-बिसेसर का विशेष रूप से उल्लेख करते हुए उन्हें “बिहार की बेटी” बताया। उन्होंने कहा कि कमला के पूर्वज बिहार के बक्सर जिले से थे और उन्होंने वहां जाकर अपनी जड़ों को भी महसूस किया। मोदी ने कहा, “यहां उपस्थित अनेक लोगों के पूर्वज भी बिहार से आए हैं। बिहार की धरती लोकतंत्र, शिक्षा, राजनीति और कूटनीति में दुनिया को सदियों पहले नई दिशा दे चुकी है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का उल्लेख करते हुए वहां की भक्ति भावना को त्रिनिदाद तक पहुंचाया। उन्होंने कहा कि जब भारत में राम मंदिर का निर्माण हो रहा था, तब त्रिनिदाद से पवित्र जल और शिलाएं भेजी गई थीं। जवाब में, मोदी अयोध्या के राम मंदिर की प्रतिकृति और सरयू नदी का जल अपने साथ लाए और अनुरोध किया कि कमला जी इसे यहां की गंगा धारा में अर्पित करें। इसके अलावा, उन्होंने हाल में संपन्न महाकुंभ से लाया गया जल भी साथ लाने का उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में भारतीय प्रवासियों की संघर्षगाथा का उल्लेख करते हुए कहा, “आपके पूर्वजों ने गंगा-यमुना को पीछे छोड़ दिया, लेकिन रामायण को अपने दिल में साथ लाए। वे सिर्फ प्रवासी नहीं थे, बल्कि एक प्राचीन सभ्यता के दूत थे। आपने त्रिनिदाद को सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और आर्थिक रूप से समृद्ध किया है।”
उन्होंने यह भी कहा कि भारत के शहरों के नाम जैसे बनारस, पटना, कोलकाता और दिल्ली अब यहां की सड़कों के नाम बन गए हैं। नवरात्रि, महाशिवरात्रि और जन्माष्टमी जैसे त्योहार भी यहां पूरे उत्साह और गर्व के साथ मनाए जाते हैं। उन्होंने बताया कि चौताल और बैठक गण जैसी पारंपरिक संगीत शैलियां आज भी इस देश में जीवंत हैं।
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा न केवल भारत और त्रिनिदाद के संबंधों को एक नई ऊंचाई पर ले गया, बल्कि प्रवासी भारतीयों के दिल में भारत के प्रति भावनात्मक जुड़ाव को और मजबूत कर गया।
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