तमिलनाडु में बिहारियों के खिलाफ हुई हिंसा का मामला तूल पकड़ लिया है। चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) ने एक वीडियो रिट्वीट किया है। उन्होंने तमिलनाडु के रेलवे पुलिस के ट्विटर हैंडल से एक वीडियो को शेयर किया गया है। इस घटना को तमिलनाडु के DGP ने नकार दिया था उन्होंने कहा था कि राज्य में किसी बिहारी मजदूरों के साथ मारपीट या अन्य घटनाएं नहीं हुई हैं। एक दिन पहले ही दावा किया गया था की राज्य में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। पीके ने इस वीडियो को शेयर करने के साथ ही लिखा कि रेलवे पुलिस द्वारा इस वीडियो को 16 फरवरी को शेयर किया गया था। तमिलनाडु सरकार के डीजीपी को चेन्नई में दर्ज इस एफआईआर के बारे में बताना चाहिए।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री का सपना देख रहे नीतीश कुमार राज्य में विकास करने के बजाय मुंगरी लाल के सपने दे रहे है। सत्ता के लिए कई बार पाला बदलने वाले नीतीश कुमार को जब इस घटना की जानकारी मिली तो उन्होंने कहा था कि इसकी जांच के लिए राज्य की एक टीम भेजेंगे। तब तमिलनाडु के सीएम ने कहा कि इस घटना की जांच की जायेगी। जैसे वे मेरे भी आदमी हैं। अब के बार फिर पीके के रिट्वीट से मामला तय है।
इतना ही नहीं, बिहार की सत्ता हथियाने की जुगत में लगे उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने तमिलनाडु में बिहारियों के साथ हुई ज्यादती को नकार चुके हैं। इतना ही नहीं वायरल वीडियो को फेक बता चुके हैं। जबकि पीकेइस घटना को लेकर मुखर हैं। पीके भी इस घटना को अपने पक्ष में भुनाने में लगे है। बता दें कि गुरूवार को ही तमिलनाडु में बिहारियों के साथ हुई मारपीट का एक वीडियो वायरल हो रहा है। नीतीश कुमार ने तमिलनाडु के सीएम से भी इस घटना के बारे में बात की थी और बिहारी मजदूरों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने की बात कही थी।
इस संबंध में तमिलनाडु के डीजीपी शैलेन्द्र बाबू ने भी एक वीडियो शेयर कर कहा था कि बिहार में किसी ने बिहार के मजदूरों के साथ तमिलनाडु में मारपीट की झूठा और भ्रामक वीडियो पोस्ट किया है। इस घटना से संबंधित दो वीडियो फर्जी है। वीडियो में तथ्यों को तोड़मोड़कर परोसा गया है और दावा किया जा रहा है कि तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों पर हमला किया गया।
ये भी पढ़ें
पंजाब के आतंक को देखकर कंगना रनौत का खालिस्तानी समर्थकों पर निशाना