कांग्रेसी​ नेताओं को राहुल ​की​ ​नसीहत​​, किसी को अपमान करना कमजोरी की निशानी!

राजनीति में हार-जीत लगी रहती है|राहुल गांधी ने कहा, लेकिन इस तरह किसी का अपमान करना कमजोरी की निशानी है|

कांग्रेसी​ नेताओं को राहुल ​की​ ​नसीहत​​, किसी को अपमान करना कमजोरी की निशानी!

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इस साल हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अमेठी से कांग्रेस प्रत्याशी किशोरी लाल शर्मा ने उन्हें डेढ़ लाख से ज्यादा वोटों से हराया|इस हार के बाद अब स्मृति ईरानी को दिल्ली स्थित अपना बंगला छोड़ना होगा| इसे लेकर कुछ कांग्रेस कार्यकर्ता स्मृति ईरानी को ट्रोल करने की कोशिश कर रहे हैं|इस पर राहुल गांधी ने भी टिप्पणी की है|

इस संबंध में राहुल गांधी ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर प्रतिक्रिया दी है|उन्होंने स्मृति ईरानी का पक्ष लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को ऐसा नहीं करने बात की है|राजनीति में हार-जीत लगी रहती है|राहुल गांधी ने कहा, लेकिन इस तरह किसी का अपमान करना कमजोरी की निशानी है|

“मैं सभी से अनुरोध करता हूं कि वे स्मृति ईरानी या किसी अन्य नेता के बारे में गलत न बोलें। राहुल गांधी ने कहा, ”लोगों को नीचा दिखाना या उनका अपमान करना ताकत की निशानी नहीं बल्कि कमजोरी की निशानी है।” राहुल गांधी की इस प्रतिक्रिया की अब राजनीतिक गलियारों में जमकर चर्चा हो रही है|

इस बीच लोकसभा चुनाव में हार के बाद स्मृति ईरानी को दिल्ली में अपना सरकारी बंगला खाली करना पड़ा है| उनका आधिकारिक निवास 28, तुगलक क्रिसेंट, लुटियंस क्षेत्र, दिल्ली में था। वह पिछले 10 साल से यहां रह रही थी| हालांकि, चुनाव में हार के कारण वह अब लोकसभा की सदस्य नहीं हैं। इसलिए उन्हें अपना सरकारी बंगला खाली करना पड़ा|

हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में हमें स्मृति ईरानी और राहुल गांधी के बीच अमेठी की सीट को लेकर जुबानी जंग देखने को मिली थी| राहुल गांधी के रायबरेली से चुनाव लड़ने के फैसले के बाद स्मृति ईरानी ने उनकी आलोचना की थी| उन्होंने तंज कसते हुए कहा था कि राहुल गांधी डर गए हैं और दूसरे संसदीय क्षेत्र में चले गए हैं| हालांकि, इस चुनाव में राहुल गांधी की जीत हुई और स्मृति ईरानी को अमेठी से हार स्वीकार करनी पड़ी|

इससे पहले 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में अमेठी में राहुल गांधी और स्मृति ईरानी के बीच मुकाबला देखने को मिला था। 2014 में राहुल गांधी स्मृति ईरानी से हार गए थे, जबकि 2019 में खुद राहुल गांधी को हार का सामना करना पड़ा|इसके बाद उन्होंने केरल के वायनाड से लोकसभा चुनाव लड़ा| इसे लेकर कुछ भाजपा नेताओं ने उन पर निशाना भी साधा|

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