बिहार की राजनीति में एक बार फिर तूफान आ गया है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आर.के. सिंह ने पार्टी के भीतर ही बगावत करते हुए तीन वरिष्ठ नेताओं सम्राट चौधरी, दिलीप जायसवाल और अशोक चौधरी पर लगे गंभीर आरोपों की सफाई मांगी है।
आर.के. सिंह ने साफ शब्दों में कहा है कि अगर इन नेताओं के पास प्रशांत किशोर के आरोपों का कोई जवाब नहीं है, तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तरह के आरोपों से पार्टी और सरकार की विश्वसनीयता पर सवाल उठते हैं। क्या हैं प्रशांत किशोर के आरोप है कि उन्होंने कभी दसवीं कक्षा भी पास नहीं की, फिर भी उनके पास D.Litt (डॉक्टरेट) की डिग्री कैसे है? उनके नाम कई बार बदलने पर भी सवाल उठाए गए हैं।
अशोक चौधरी पर आरोप है कि उनके पास 200 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति है। दिलीप जायसवाल पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पर आरोप है कि वह एक हत्या के मामले में शामिल हैं और उन्होंने एक मेडिकल कॉलेज पर अवैध तरीके से कब्जा किया है। आर.के. सिंह ने कहा कि अगर इन नेताओं के पास सच्चाई है तो उन्हें प्रशांत किशोर के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करना चाहिए।
इन आरोपों के बाद सम्राट चौधरी और दिलीप जायसवाल दोनों ही चुप्पी साधे हुए हैं, जिसने बीजेपी के भीतर गहरी दरार पैदल कर दी है। यह संकट बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है।
बिहार की राजनीति में एक बार फिर तूफान आ गया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आर.के. सिंह ने पार्टी के भीतर ही बगावत करते हुए तीन वरिष्ठ नेताओं सम्राट चौधरी, दिलीप जायसवाल और अशोक चौधरी पर लगे गंभीर आरोपों की सफाई मांगी है।
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