अयोध्या में चल रहे राम मंदिर के उद्घाटन और प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी जोरों पर हैं। वहीं, बिहार के शिक्षा मंत्री और आरजेडी नेता चंद्रशेखर ने भगवान राम पर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि “कोई भगवान के अंदर प्राण नहीं दे सकता है। वह सर्वव्यापी है. इससे पहले भी उन्होंने कई बार हिन्दू धर्म और रामचरित मानस पर सवाल उठा चुके है.वहीं, अयोध्या राम मंदिर के कार्यक्रम में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अगर उन्हें निमंत्रण मिलता है तो वे जाएंगे,अगर निमंत्रण नहीं मिलता है तो वे नहीं जाएंगे। शिक्षा मंत्री से पहले आरजेडी विधायक फ़तेह बहादुर ने भी राम मंदिर को गुलामी का प्रतीक बताया।
राम चरितमानस नफ़रत फैलाने वाला ग्रंथ: चंद्रशेखर ने अपने विवादित बयान से हमेशा चर्चा में रहते हैं। पहले उन्होंने रामचरित मानस को बांटने वाला ग्रन्थ बतलाया था। पिछले साल नालंदा विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में कहा कि था कि “राम चरितमानस समाज में नफ़रत फैलाने वाला ग्रंथ है। यह समाज में दलितों, पिछड़ों और महिलाओं को पढ़ाई से रोकता है, उन्हें उनका अधिकार दिलाने से रोकता है। आरजेडी नेता लगातार विवादित बयान देते रहे हैं, जिसकी वजह से उनके बयानों पर बीजेपी और हिन्दू संगठन आपत्ति जताते रहे हैं। सितंबर माह में उन्होंने रामचरित मानस को पोटैशियम साइनाड कहा था। उन्होंने कहा था कि ” रामचरित मानस पोटेशियम साइनाइड है। जब तक यह रहेगा, तब तक हम इसका विरोध करते रहेंगे। उन्होंने एक चौपाई का उल्लेख कर इसका विरोध जताया था।
मोहम्मद पैगंबर को मर्यादा पुरुषोत्तम बताया था: इतना ही नहीं, सितंबर माह में ही कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर उन्होंने इस्लाम धर्म के संस्थापक मोहम्मद पैगंबर को मर्यादा पुरुषोत्तम बताया था। चंद्रशेखर नालंदा के हिलसा में बाबा अभय नाथ धाम के परिसर में हुए कार्यक्रम में शामिल हुए थे। जिसमें उन्होंने कहा था ” जब शैतानिया बढ़ गई, जब दुनिया से ईमान खत्म हो गया। बेईमान और शैतान जारी हो गए, मध्य एशिया के इलाके में प्रभु ने एक शानदार पुरखा, प्रोफेट, मर्यादा पुरुषोत्तम जो भी कहलें मोहम्मद साहब को पैदा किया। इस्लाम आया ईमान लाने के लिए, इस्लाम आया बेईमानी के खिलाफ, इस्लाम आया शैतानी के खिलाफ, मगर बेईमानी वाला भी खुद को मुसलमान कहता हो तो उसकी इजाजत कुरान भी नहीं देती है।”
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