पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि 29 जून को मैंने पुणे में मीडिया को पीसी से धमकाया था| कहा गया कि महाविकास अघाड़ी हमें मंजूर नहीं है। उद्धव को चाहिए कि वह इस महाविकास अघाड़ी को छोड़ दें। एकनाथ शिंदे की भी यही इच्छा थी। जब मैंने यह भूमिका निभाई तो मुझे निकाल दिया गया। लेकिन मैंने शिवसेना छोड़ दी है। इसे संजय राउत ने अंजाम दिया है|संजय राउत की श्रद्धा शरद पवार से कितनी है, यह कहने की जरूरत नहीं है।
मैंने उद्धव को कई पत्र लिखे लेकिन कोई जवाब नहीं आया। दो दिन बाद बुलाया। उन्हें पुणे से लड़ने के लिए कहा गया था। उन्होंने 15-18 साल तक शिरूर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा। उन्हें पुणे से लड़ने के लिए कहा गया था। शिवतारे ने यह भी सवाल उठाया कि इसे क्या कहा जाए।
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